
जाफ़र लोहानी
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मनोहरपुर (जयपुर)। मनोहरपुर कस्बे के समीप नवलपुरा बालाजी धाम में चल रहे परमानंद धाम के कुंडा धाम से महामंडलेश्वर श्री श्री1008 एंव खोरी से श्री हरिओम दास महाराज के कृपा पात्र शिष्य सुमेर दास महाराज के सानिध्य में एंव महायज्ञ के आचार्य वैदिक भूषण पण्डित अम्बिकेश शास्त्री के आचार्यत्व में नवदिवसीय 21 कुण्डात्मक श्री सीताराम महायज्ञ के पँचम दिवस गुरुवार तक 12 लाख 39 हज़ार 4 सौ 67 गणेश मन्त्र, दुर्गा मन्त्र,शिव मन्त्र, पुरुषसूक्त ,राममंत्र श्री हनुमंत मन्त्र की आहुति यजमानो से दिलवाई गयी।
महायज्ञ के आचार्य अम्बिकेश शास्त्री ने बताया कि प्रतिदिन की भांति यजमानो से विधिवत पूजन अर्चन मण्डप पूजन आवाहित देवताओं पूजन करवाकर महायज्ञ में आहुति दी है।
यज्ञ मण्डप में आचार्य पण्डित अम्बिकेश शास्त्री ने कहा कि विश्वास अगर आपके पास है तो भगवान भी आपके पास है जैसे भक्त प्रहलाद के विश्वास ने खम्भे में भी भगवान विष्णु नरसिंह रूप में प्रकट हो गए थे। इसलिए सभी को भगवान के प्रति श्रद्धा रखनी चाहिये।
यज्ञ के ब्रह्मा पवन टिलावत ने कहा सभी मनुष्यों को भगवान श्री राम के पदचिन्हों पर चलना चाहिए एंव सभी पर सीताराम जी कृपा बनी रहे। महायज्ञ में उपाचार्य पण्डित केदार शर्मा,सह उपचार्य राजेश शर्मा धानोता , मिथलेश शर्मा ने बताया कि पुरुषसूक्त, राममंत्र एंव श्रीसूक्त से प्रतिदिन यजमानो से स्वहाकर आहुति के साथ यजमानो को बताया गया कि व्याकरण में यज धातु यज्ञ शब्द बना है।इसलिए सभी को महायज्ञ की व्याख्या समझनी चाहिए।
यज्ञ कमेटी सदस्य सीताराम ठुकरान ने बताया कि हनुमान जी के मंदिर के निर्माण के लिए महायज्ञ के आचार्य पण्डित अम्बिकेश शास्त्री ने अपने पिताजी श्री छगन लाल त्रिवेदी की पुण्य स्मृति में 21000 रुपये, देने की घोषणा करी। बंशीधर फामडा की और से मन्दिर परिसर निर्माण में जितनी भी रोड़ी लगेगी देने की घोषणा करी।
आज महायज्ञ में त्रिवेणी धाम से सन्त रामचरण दास,जसवन्तपुरा खेमदास महाराज आश्रम से महामंडलेश्वर भिवदास महाराज, नायन से कालिदास महाराज,हथोरा से प्रभु दास महाराज साधु संतों ने पहुँचकर प्रधान कुंड पर आहुतियां प्रदान करी।एंव सभी विद्वानों को दक्षिणा भेट करी।