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शाहपुरा (जयपुर)। कांग्रेस विधायक मनीष यादव ने विधानसभा में स्वायत्त शासन व आवासन मण्डल की अनुदान मांगों पर नगर निकायों में बिगडती व्यवस्थाओं पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया।
विधायक ने कहा कि जयपुर शहर की ड्रेनेज व्यवस्था बहुत खराब है थोडी सी बरसात होने पर घरों से बाहर निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है। कांग्रेस सरकार ने यातायात जाम के समाधान के लिए एलिवेटेड रोड बनाई मेट्रों की सौगात दी परन्तु भाजपा सरकार यातायात जाम को लेकर गंभीर नहीं है। शहर में वायु प्रदूषण उच्च स्तर पर है। लोगों के लिए खुली श्वास लेना मुश्किल है।
विधायक ने कहा कि शाहपुरा व मनोहरपुर कस्बे में सीवरेज के अभाव में नालियों से गंदे पानी की निकासी नही हो रही है। इसलिए दोनों कस्बों में सरकार सीवरेज लाईन की व्यवस्था करे।
विधायक ने कहा कि सरकार ने नगरपालिका व नगरपरिषदों को कमोन्नत करनें के नाम पर सिर्फ नामकरण के बोर्ड लगाये है। पालिका शाहपुरा वर्ष 2024-25 में नगरपरिषद में कमोन्नत किया गया था परन्तु इसमें पद व संसाधन पालिका वालें ही है। जिसके कारण आमजन के कार्य समय पर नही हो पा रहे है। नगरपरिषद शाहपुरा का मास्टर प्लान वर्ष 2023 में समाप्त हो चुका है परन्तु अभी तक मास्टर प्लान नही बना। पालिका मनोहरपुर में गठन के 29 माह बाद भी मास्टर प्लान नहीं बनने के कारण पुरानी आबादियों में वर्षों से बसें हुए लोगों के पट्टा मात्र सपना बनकर रह गया है। तथा पालिका में फायर स्टेशन, अग्निशमन कार्मिकों के पद व सफाई कर्मचारी के पद सृजित नही है तथा ना अग्निशमन वाहन उपलब्ध है।
विधायक ने कहा कि कल भी शाहपुरा की अग्निशमन वाहन को शाहपुरा से अलवर के आगर तक अलग-अलग 5 जगह आग बुझाने के लिए दौडना पड़ा।
विधायक ने कहा कि एक तरफ सरकार गुढ गर्वेनेंस की बात करती है जबकि दूसरी ओर नगर निकायों में समय पर बोर्ड मीटिंग भी आयोजित नहीं करवा पा रही है। जेडीए में शाहपुरा तहसील के गांवों को शामिल किये जाने विधायक ने किया विरोध।
विधायक ने कहां कि मेरे क्षेत्र के गावों को जेडीएं में शामिल नहीं किया जावे। जेडीए में शामिल करनें से लोगों के लिए अपने भूमि संबंधी कार्य करवाना चुनौती पूर्ण हो जायेगा छोटे-छोटे कामों के लिए गरीब, मजदूर लोगों का शाहपुरा से 70 KM दूर जयपुर जाना मुश्किल हो जायेगा।
बंदरों का मुद्दा फिर उठाया विधानसभा में
विधायक ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा गत दोनों सत्रों में मेरे द्वारा लगायें गये स्थगन प्रस्ताव पर व्यवस्था देने के बावजूद बंदरों के आंतक से निजात दिलानें के मामलें में अभी कोई कार्यवाही नहीं की गई। विधायक ने कहां कि दोनों कस्बे सहित ग्रामीण इलाकों में भी बंदरों की समस्या का भंयकर आंतक है। जिसके कारण आमजन भय के माहौल में जीवन-यापन करने को मजबूर है। इसलिए बंदरों पर कोई ठोस नीति बनाकर आमजन को राहत दिलाई जाए।
विधायक ने कहा कि ग्राम पंचायत खेजरोली आबादी लगभग 25000 से अधिक है। जिसें नगरपालिका में कमोन्नत किया जाना नितांत आवश्यक है। साथ ही दोनो कस्बों में एनएचएआई के सहारें लगी लाईटों को उपयुक्त जगह लगाया जावे व बंद पडी लाईटों को सुचारू रूप से चालु किया जावे।
कस्बे में स्थाई रैन बैसरे की नितांत आवश्यकता है इसलिए सरकार इसके लिए बजट आंवटित करे तथा नगरनिगम की तर्ज पर परिषद में भी आवारा घूमने वालें जानवरों के बिमार अथवा दुर्घटनाओं में घायल होने पर ईलाज के लिए पशुचिकित्सक का पद सृजित किया जावे। तथा गरीब मध्यम वर्ग व आर्थिक रूप से कमजोर लोगों जिनके पास रहवास की व्यवस्था नहीं है उनके लिए शाहपुरा, मनोहरपुर व खेजरोली में रियायती दर पर आवासीय कॉलोनियां विकसित की जावे ताकि गरीब तबके के लोगों का भी पक्के मकानों का सपना पूरा हो।
शहरी क्षेत्रों में 90 ए. बिल्डिंग अनुमति. ट्रेड लाईसेंस, फायर एनओसी व पट्टा पत्रावलियों के ऑनलाईन आवेदनों के निस्तारण में पारदर्शिता करते हुए फीफों (First in First out) सिस्टम लागू किया जावे।