अज़मेर दरगाह के नाजिम अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे है : जौहर

दरगाह परिसर में जर्जर भवन की पूरी सुरक्षा, पारदर्शिता और ज़िम्मेदारी सुनिश्चित करें
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जयपुर। अब्दुल सलाम जौहर (संयोजक मुस्लिम प्रोग्रेसिव फ़ेडरेशन राजस्थान) ने नाजिम साहब दरगाह ख़्वाजा हजरत मोईनुद्दीन चिश्ती अजमेर शरीफ़ राजस्थान को पत्र लिखकर दरगाह परिसर में जर्जर भवनों की संरचनात्मक सुरक्षा से पल्ला झाड़ने वाली सार्वजनिक आम सूचना पर आपत्ति जताई है।
जौहर ने पत्र के लिखा है कि आदरणीय नाज़िम साहब, 21 जुलाई को आपके हस्ताक्षर से जारी की गई सार्वजनिक सूचना, जो अजमेर दरगाह शरीफ परिसर में लगाई गई है, को पढ़कर अत्यंत पीड़ा और निराशा हुई है। इस नोटिस में दरगाह परिसर में जर्जर या कमजोर इमारतों के कारण होने वाली किसी भी दुर्घटना की ज़िम्मेदारी से कार्यालय नाज़िम प्रशासन को मुक्त बताते हुए इसकी ज़िम्मेदारी ज़ायरीन पर डाल दी गई है।
यह न केवल चौंकाने वाला है बल्कि कमेटी के कुप्रबंधन का शर्मनाक मामला है और यह प्रशासनिक ज़िम्मेदारी से पूरी तरह पल्ला झाड़ने व पीछे हटने जैसा है। जबकि नाज़िम कमेटी को दरगाह शरीफ़ में जर्जर भवन एरिया की तत्काल मरम्मत कराने और सुरक्षा उपाय शुरू करने चाहिये और अपनी ज़िम्मेदारी निभानी चाहिये।
अजमेर शरीफ दरगाह केवल एक विरासत स्थल नहीं, बल्कि सभी धर्म के लाखों श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक आस्था का केंद्र है। ऐसे पवित्र स्थान पर आने वाले जायरीनों को खुद अपनी सुरक्षा का आंकलन करने को कहना और प्रशासन को कानूनी रूप से ज़िम्मेदारी से मुक्त घोषित करना, आपके पद की गरिमा एवं ज़िम्मेदारी के साथ बड़ा विश्वासघात है।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि आपने तत्काल मरम्मत और सुरक्षा उपाय शुरू करने के बजाय, इसकी ज़िम्मेदारी उन श्रद्धालुओं पर डाल दी जो आस्था और सम्मान के साथ यहां आते हैं। यदि इमारतें जर्जर हैं, तो उन्हें चिन्हित कर उनको घेरा क्यों नहीं गया? आपका कार्यालय इस पवित्र स्थल की देखरेख, रखरखाव और सुरक्षा के लिए है— यदि यही नहीं कर सकते तो उस पद पर बने रहने का औचित्य ही क्या है?
आपकी यह आम सूचना असंवेदनशीलता, प्रशासनिक विफलता, नैतिक दिवालियापन एवं कुप्रबंध को दर्शाती है। ख़्वाजा अजमेर शरीफ की दरगाह विश्व प्रसिद्ध एक धार्मिक पवित्र आस्था स्थल है ! मैं अब्दुल सलाम जौहर कन्वीनर मुस्लिम प्रोग्रेसिव फ़ेडरेशन आपसे आग्रह करता हूँ कि तुरंत इस नोटिस को वापस लें, सार्वजनिक ग़लती मानें और दरगाह प्रबंधन एवं परिसर में जर्जर भवन की पूरी सुरक्षा, पारदर्शिता और ज़िम्मेदारी सुनिश्चित करें।

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