शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील। आज से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ होने के साथ ही पूजा अर्चना का दौर शुरू हुआ। इस बार शारदीय नवरात्रि 11 अक्टूबर तक रहेगी। प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना के साथ ही नवरात्रि का महापर्व शुरू हो गया। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन देवी की चौकी के पास विधिवत पूजा के साथ कलश स्थापित कर मां दुर्गा का आह्वान किया गया। शाकम्भरी झील के अंदर पहाड़ी पर विराजमान माँ शाकम्भरी देवी जिसे शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता है का यह दूसरा प्रसिद्ध मंदिर है। मुख्य मंदिर का निर्माण लगभग आठवीं शताब्दी के काल का माना जाता है। यहाँ माता को चौहानों की कुलदेवी के रूप मे पूजा जाता है। शाकंभरी के नामकरण के विषय में यह कहा जाता है कि एक बार इस भू-भाग में भीषण अकाल पड़ने पर देवी ने शाक वनस्पति के रूप में अंकुरित होकर जन-जन का भरण पोषण किया। तभी से देवी का नाम मां शाकंभरी पड़ गया। शाकंभरी देवी का मंदिर सांभर से लगभग 25 किलोमीटर दूर सांभर झील के पास स्थित है। जहां पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।