राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में कल होगा “ढ़ाई आखर प्रेम का”

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जयपुर। राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर की ओर से कलंदर सोसायटी की प्रस्तुति, प्रसिद्ध नाट्य लेखक वसंत कानितकर द्वारा लिखित एवं रुचि भार्गव नरूला द्वारा निर्देशित नाटक “ढाई आखर प्रेम का” का मंचन 26 अक्टूबर शाम 6:30 बजे किया जाएगा।
नाटक “ढाई आखर प्रेम का” वसंत कानेटकर द्वारा लिखित प्रसिद्ध मराठी नाटक “प्रेमा, तुझा रंग कसा?” का हिंदी अनुवाद है, जो प्रेम की जटिलताओं और उसके विभिन्न रंगों को दर्शाता है। इस नाटक का दार्शनिक चिंतन प्रेम की परिभाषा को लेकर युवा और पुरानी पीढ़ी के सोच और व्यवहारिक अंतर को व्यंगात्मक एवं हास्य रूप में प्रदर्शित करता है
नाटक में प्रेम को एक बहुआयामी भावना के रूप में दिखाया गया है, जो व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती है। प्रेम के विभिन्न रंग होते हैं।
नाटक में प्रेम और विवाह के बीच के संबंधों को भी उजागर किया गया है। प्रेम जब विवाह में बदलता है, तो कई विसंगतियाँ उत्पन्न होती हैं। नाटक में दिखाया गया है कि कैसे प्रेम की उदात्त भावना विवाह के व्यवहारिक रूप में बदलते ही बदल जाती है।
नाटक में प्रेम की जटिलता को भी दर्शाया गया है। प्रेम में व्यक्ति की भावनाएँ, वृत्तियाँ, और स्वभाव एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नाटक में दिखाया गया है कि कैसे प्रेम में व्यक्ति की अपेक्षाएँ, आशाएँ, और निराशाएँ एक दूसरे से जुड़ी होती हैं।
प्रेम एक जटिल और बहुआयामी भावना है, जो व्यक्ति के जीवन को गहराई से प्रभावित करती है। नाटक में प्रेम की विभिन्न रंगों और जटिलताओं को दर्शाया गया है, जो व्यक्ति को अपने जीवन के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करता है।
नाटक में रुचि भार्गव, कार्तिकेय मिश्रा, रेया, अनिमेष आचार्य, प्रतीक्षा, मनन एवं सर्वेश व्यास जैसे युवा एवं वरिष्ठ कलाकार अभिनय करेंगे।

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