
हज़ारों छात्रों के जीवन में फैलाया उजाला
जाफ़र लोहानी
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मनोहरपुर (जयपुर)। जयपुर जिले के आमेर तहसील के गांव सुंदरपुरा (बीलपुर) में जन्मे और पले-बढ़े भगवान सहाय यादव ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि मन में सेवा का संकल्प हो, तो कोई कमी राह में बाधा नहीं बन सकती। साधारण किसान महादेव प्रसाद झाड़ौदिया के घर जन्मे यादव ने सुविधाओ के अभाव में उन्होंने न केवल गांव बल्कि पूरे क्षेत्र में शिक्षा का दीपक जलाया। 31 जुलाई 2025 को वे 35 वर्ष 7 माह की राजकीय सेवा पूर्ण कर सम्मानपूर्वक सेवानिवृत्त हुए।
35 वर्षों का साधना-पथ, अभूतपूर्व योगदान
यादव ने 17 दिसंबर 1990 को राजकीय सेवा में तृतीय श्रेणी शिक्षक के पद के साथ सेवा शुरू की। इस दौरान उन्होंने लबाना, राजपुर वास ताला, माजीपुरा, भूरानपुरा जाटान, अचरोल में शिक्षा का दीप जलाया। उनके नेतृत्व में विद्यालय का बोर्ड परीक्षा परिणाम लगातार शत-प्रतिशत रहा। इससे पूर्व यादव ने 1990 में चंदवाजी कस्बे में श्री श्याम विद्यापीठ सीनियर सेकेंडरी स्कूल का संचालन शुरू किया जो आज उपखंड क्षेत्र में ज्ञान का प्रकाश फैला रहे है जिसमें हजारों छात्र छात्राएं पढ़ाई कर रही है। उन्होंने समय की मांग तथा आवश्यकता को देखते हुए उच्च शिक्षा के लिए श्री श्याम महाविद्याल ( कॉलेज) ओर इंग्लिश मीडियम स्कूल श्री श्याम चिल्ड्रन एकेडमी भी खोली। शिक्षा के प्रति बीएस यादव तथा उनका परिवार समर्पित रहा है।
शिक्षा के प्रति उनके समर्पण और अनुशासन के चलते उन्हें कई बार शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके प्रयासों से न केवल विद्यालय का शैक्षिक वातावरण सुधरा बल्कि इनके शिष्य गांव सहित आमेर, शाहपुरा और जमवारामगढ़ उपखंड क्षेत्र के अधिकतर घरों से आज कोई-न-कोई शिक्षक, आईएएस, आरएएस, डॉक्टर, इंजीनियर, पुलिस, सेना सहित अन्य विभागों में राजस्थान और भारत में सेवाए दे रहे है। यादव पांच भाईयों में दूसरे नंबर पर है। उनके बड़े भाई गोपाल अहीर जलदाय विभाग से सेवानिवृत हो चुके हैं। जबकि छोटे भाई जगन्नाथ प्रसाद यादव और हरफूल सिंह शिक्षा विभाग में ज्ञान का प्रकाश फैला रहे है। सबसे छोटा भाई लक्ष्मी नारायण यादव पत्रकारिता के माध्यम से समाजसेवा और शिक्षा से जुड़े हुए है। यादव का बड़ा बेटा डॉ शैलेन्द्र यादव भी चिकित्सा विभाग में सेवाए दे रहा है और छोटा बेटा रोहित इंजिनियरिंग करने के बाद कॉलेज ओर विद्यालय में सहयोग कर रहा है।