
छात्रा दर्द से तड़पती रही फर्श पर
जाफर लोहानी
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मनोहरपुर (जयपुर)। खोरा गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शनिवार को शिक्षकों की लापरवाही एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई। विद्यालय में उस समय चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आईं जब एक छात्र चालू बिजली के कनेक्शन में इलेक्ट्रिक बोर्ड सुधारता नजर आया और एक बीमार छात्रा दर्द से तड़पती हुई ज़मीन पर पड़ी मिली — लेकिन न तो कोई शिक्षक पास था और न ही उसे अस्पताल ले जाया गया था।
जानकारी के अनुसार, शनिवार दोपहर करीब 12 बजे कक्षा 11 में कोई भी शिक्षक मौजूद नहीं था। इस दौरान एक छात्र विद्युत बोर्ड की मरम्मत करता मिला, वह भी तब जब बोर्ड में करंट चालू था। पूछने पर छात्र ने बताया कि उसे उसके ही शिक्षक ने बिजली ठीक करने को कहा था।
इसी दौरान कक्षा 9 की छात्रा रोशन योगी की तबीयत बहुत खराब होने के बावजूद उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के बजाय कक्षा के फर्श पर ही लिटाकर छोड़ दिया गया। वह दर्द से कराहती रही और सहेलियां उसे तसल्ली देती रहीं।
इस पूरे मामले में जब विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रकाश रैगर से बात की गई तो उन्होंने कहा, “मैंने आज ही ज्वॉइनिंग ली है। मुझे जानकारी नहीं है कि बच्चे से किसने बिजली ठीक करवाई और छात्रा को अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया।”
बाद में मामले को बढ़ता देख आनन-फानन में छात्रा को चिकित्सालय भेजा गया। बड़ा सवाल यह है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूल कितने जिम्मेदार हैं? क्या शिक्षकों को इतना भी एहसास नहीं कि बिजली से बच्चे की जान जा सकती है? क्या बीमार छात्रा को अस्पताल पहुंचाना स्कूल का दायित्व नहीं? अब ज़रूरत इस बात की है कि शिक्षा विभाग इस लापरवाही पर कड़ी कार्यवाही करे और स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सख्त दिशा-निर्देश लागू करे।
क्या कहते है प्रधानाचार्य
प्रधानाचार्य प्रकाश रैगर का कहना है कि मैने आज ही विद्यालय ज्वाइन किया है इसकी मुझे जानकारी नहीं है।
जानकारी प्राप्त कर उचित कार्रवाई की जाएगी।