
पुत्र के ठीक होने की दुआ हुई कबूल, दुर्घटना में दोनों घुटने हो गए थे बेदम
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील। यहां देवयानी सरोवर घाट पर स्थित महाभारत कालीन जागेश्वर दरबार का मंदिर चमत्कारी घटनाओं के लिए ही नहीं बल्कि भक्तों को होने वाली अनुभूति की वजह से युवा पीढ़ी के लिए भी प्रमुख आस्था का केंद्र बिंदु बनता जा रहा है। हृदय से की गई करुण पुकार तो बाबा सुनते ही हैं बल्कि भक्तों की शारीरिक और मानसिक पीड़ा का भी हरण कर लेते हैं, और जब हर कष्ट से छुटकारा मिल जाता है तो फिर भाव विह्वल होकर अपने संपूर्ण आत्मिक भाव से अभिषेक करना भी नहीं भूलते हैं। मनोकामना पूर्ण होने पर अभिषेक करने दिल्ली से आए परिवार के मुखिया संपत कुमार तोतला बताते हैं कि मेरा पुत्र आदित्य मेट्रो स्टेशन पर ट्रेन से उतरते वक्त गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था और लाखों रुपया खर्च करने और लंबे समय के बाद भी कोई खास फर्क नहीं पड़ा, क्योंकि दोनों घुटने इतने बेदम हो गए थे कि चलने लायक स्थिति में मेरा पुत्र नहीं था, जब सभी तरफ से लाचार हो गया तो मैंने यहां जागेश्वर दरबार में भोलेनाथ से अरदास की थी कि यदि मेरा पुत्र जिस दिन खुद अपने पैरों से चलने लायक हो जाएगा उस वक्त परिवार सहित अभिषेक करूंगा। करीब 2 साल बाद भोलेनाथ ने मेरी सुन ली है। सावन माह में अभिषेक करने का हमें परिवार सहित सौभाग्य प्राप्त हुआ है और यह सब भोलेनाथ की असीम कृपा का ही फल है की मेरा पुत्र अब पूरी तरह से स्वस्थ है। इस मौके पर परिवार के सदस्यों ने अनेक पंडितों के सानिध्य में भोलेनाथ का भव्य श्रृंगार करवाया और अपने पुत्रों व परिवार सहित भोलेनाथ की पूजा अर्चना की। सैकड़ो भक्तों ने संध्याकालीन आरती में भाग लिया।