
पार्षद व जनप्रतिनिधि भी हटाने में फेल, पालिका प्रशासन भी नहीं निकाल पाई तोड़ शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील। आयुष हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर की पीछे के दरवाजे पर 15 साल से खुला कचरा डिपो पालिका प्रशासन की विवेकता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है। कार्य शैली की तो बात ही अलग है पूरा सिस्टम लगता है अपनी मनमर्जी से चल रहा है। जिस जगह कचरा डाला जा रहा है वह रास्ता मुगल सिंधी मोहल्ला से राजपथ की तरफ जाता है, जिसकी नजदीक सार्वजनिक नेहरू बालोद्यान की चारदीवारी व जलदाय विभाग का जलाशय है। इसी स्थान पर निजी वाहनों का पार्किंग स्थल है। बताना जरूरी है कि कई मर्तबा या की चिकित्साधिकारी दो फारुक खान अपने पिछले कार्यकाल के दौरान उपखंड अधिकारी से लेकर नगर पालिका को पत्राचार कर चुके हैं, पूर्व पार्षद सिराजुद्दीन मंसूरी ने भी अनेक दफा मामले को नगर पालिका के संज्ञान तक पहुंचाया लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात निकला। समझ में यह नहीं आ रहा है कि यहां पर कचरा इकट्ठा करने की राय किसने दी, इस रास्ते पर आवाजाही आम लोगों की रहती है, लेकिन कोई भी इस दिशा में ऐसी कोई ठोस पहल नहीं कर पा रहा है कि स्थाई रूप से इसका समाधान निकल सके और आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के बाहर जमा गंदगी हमेशा के लिए दूर हो जाए। इस गंदगी के ढेर में आवारा जानवर अपना भोजन तलाशते रहते हैं जो कि पशु प्रेमियों के लिए भी शोचनीय है।