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जयपुर। जयपुर नगर निगम के पूर्व पार्षद इम्तियाज़ खान गौरी ने कहा कि वली के चाहने वाले दीवाने रंज ओ गम से मुरझाया नही करते, यह शब्द गौरी ने जयपुर के शास्त्रीनगर में स्तिथ हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक हजरत दाता अमानीशाह रहमतुल्लाह आलेह के उर्स में शिरकत करने के बाद में उपस्तीथ जायरिनों को संबोधित करते हुए कहे।
गौरी ने कहा कि वली एक विद्युत ट्रांसफार्मर की भांति होता है जो भी इनसे जुड़ता है तो वो रोशन हो जाता है और जो इनसे टकराता है वो चकनाचूर हो जाता है।
गौरी ने कहा कि वली खुदा को राजी करने के लिए दुनिया से किनारा कर लेते है और अपनी पूरी जिंदगी को राहे खुदा में लगा देते है और खुद को फ़ना कर देते है। खुदा इनकी सेवा से इतना खुश हो जाता है कि इनकी मजारों पर आने वाला कभी भी मायूस नही लौटता है। इस अवसर पर जयपुर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष आर.आर. तिवाड़ी सहित अनेक राजनितिक वस्तियां भी मौजूद थी।
गौरी ने शायराना अंदाज में कहा कि “हद तपे सौ औलिया, बेहद तपे सौ पीर, हद बेहद दोनो तपे, ताको नाम फकीर”! इस अवसर पर दरगाह के खादिमो द्वारा इनकी दस्तारबंदी की गई। इस अवसर राजनीतिक सामाजिक व धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों आदि मौजूद थे।