
पठान ने भारत देश के लिए अमन चैन की दुआएं मांगी
जाफ़र लोहानी
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मनोहरपुर (जयपुर)। कांग्रेसी नेता नदीम खान पठान ने कहा कि अजमेर में स्तिथ हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक हजरत ख्वाजा गरीब नवाज रहमतुल्लाह आलेह बुझी हुई उम्मीदों का आख़री सहारा हैं यह शब्द पठान ने अजमेर में चादर पेश करने के बाद में उपस्तिथ पत्रकारों से कही।
पठान ने कहा कि दुनियां में जब चारों और अंधेरा छा जाता है अपने भी पराए जैसे हो जाते है सबकुछ उल्टा हो तो इंसान मायूस हो जाता है ऐसे में उसको एक ही दर नजर आता है ईश्वर (खुदा) का उसके बाद ग़रीब नवाज का जब दुनियादारी से हारा थका इंसान इनके दर पर जाता है तो वहां पर राहत व सुकून मिलता है यही कारण है कि जिधर भी देखो उधर ख्वाज़ा गरीब नवाज की फ़ौज पैदल आती हुई दिखाई दे रही है।
उल्लेखनीय हैं कि ख्वाजा गरीब नवाज, जिनका असल नाम हजरत ख्वाजा मोइनउद्दीन चिश्ती अजमेरी है, एक महान सूफी संत थे जिन्होंने भारत में इस्लाम का प्रचार किया। उनका जन्म 1142 में सजिस्तान में हुआ था और उन्होंने अपनी जिंदगी का अधिकांश समय अजमेर में बिताया, जहां उनकी दरगाह आज भी एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।
ख्वाजा गरीब नवाज की विशेषताएं:
सूफी संत: वह एक महान सूफी संत थे जिन्होंने लोगों को प्यार, शांति और एकता का संदेश दिया।
आध्यात्मिक नेता: उन्हें “सुल्तान-उल-हिंद” और अत्ता-ए-रसूल” जैसे उपाधियों से सम्मानित किया गया था।
चमत्कारी:
उनके कई चमत्कारों का वर्णन मिलता है, जैसे कि अना सागर का पानी गायब करना आदि।
ख्वाजा गरीब नवाज का महत्व:
एकता और प्रेम: उन्होंने लोगों को एकता और प्रेम का संदेश दिया, जो आज भी प्रासंगिक है।
आध्यात्मिक मार्गदर्शन: उनकी शिक्षाएं और चमत्कार लोगों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
तीर्थ स्थल: उनकी दरगाह अजमेर में एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जहां लोग अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए आते हैं।