ग्लोबल टॉप 50 अवॉर्ड कन्याकुमारी के लिए मणि प्रभा त्रिपाठी का चयन

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ग्वालियर। सारंगढ़ की शिक्षिका मणिपुर श्रीमती मनी प्रभा त्रिपाठी चयन ग्लोबल टॉप 50 अवार्ड के लिए गोपाल किरण समाजसेवी संस्था की चयन समिति द्वारा किया गया है। यह अवार्ड संस्था द्वारा डॉ.बी.आर अंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर कन्याकुमारी में आयोजित कार्यक्रम में दिया जाएगा। इस अवार्ड से पूर्व उनको सम्राट अशोक ग्लोबल डिग्निटी सामाजिक भूषण अवार्ड से भी सम्मानित किया गया जिसके तहत उनके जीवन की स्टोरी को वहां उपस्थित लोगों के बीच सुनाया गया तथा उनके कार्यों से लोगों को प्रेरणा लेने की बात कही गई। मणिप्रभा त्रिपाठी बचपन से ही समाजसेवी है उन्होंने बहुत से गरीब बच्चों को स्वयं के खर्चे से पढ़ाया लिखाया कुछ बच्चे को अच्छे मुकाम पर पहुंचा दिया आज भी इस तरह का कार्य करती रहती हैं पर्यावरण के क्षेत्र में उन्होंने बहुत से कार्य किए हैं वह जहां भी जाती हैं उस विद्यालय को पर्यावरण के क्षेत्र में हरियाली से भर देती हैं उनके लगाए हुए वृक्ष उनके पूर्व के विद्यालय आज भी उनको याद करते हैं अपने इस विद्यालय में उन्होंने स्वयं के खर्चे से सुंदर पुष्प वाटिका ही नहीं बनाई विद्यालय के अंदर प्रिंट रिच वातावरण पेयजल की व्यवस्था जिसमें एक्वागार्ड लगाकर शुद्ध पानी की व्यवस्था सभी कक्षाओं में लर्निंग कॉर्नर मुस्कान पुस्तकालय का सफल संचालन बाल पत्रिका का संचालन तथा शिक्षाके साथ-सा द एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटीज शनिवार को बैलेंस दे पर विभिन्न प्रकार की शैक्षिक गुणवत्ता वर्धन युक्त नवाचारों से बच्चों को कुशल शैक्षिक ज्ञान दे रहे हैं उनके विद्यालय में बच्चे छुट्टी के पश्चात भी घर जाने के लिए लालायित नहीं रहते खेलते रहते हैं और विद्यालय लगने के 1 घंटे पूर्व ही विद्यालय आ जाते हैं और पुष्प वाटिका का आनंद लेते हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी उन्होंने बहुत से कार्य किए हैं जिसमें उनके विद्यालय में स्वास्थ्य परीक्षण अक्सर होता रहता है शासन द्वारा संचालित सभी योजनाओं को उनके विद्यालय में अच्छी तरह से पालन किया जाता है खेल के क्षेत्र में बालकआगे हैं। विज्ञान मॉडल हो या कबाड़ से जुगाड़ प्रतियोगिताएं हैं। उनके बच्चे हमेशा विजय हासिल करते आए हैं। एनसीईआरटी और एस सी ई आर टी द्वारा संचालित स्टोरी सेशन को शनिवार के दिन उनके बच्चों को सुनाया जाता है जिसे अंग्रेजी का गुणवत्ता वर्धन होता है। उनके विद्यालय की शोभा को देखने के लिए छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से लोग शैक्षिक भ्रमण के लिए अपने बच्चों के साथ आते हैं। उनके अध्यापन कला में नवाचार को प्राथमिकता दी जाती है। वह अंग्रेजी की शिक्षिका है बच्चों को कमरे के अंदर में नहीं बल्कि बाहर के वातावरण में चीजों को दिखाकर वह अपना अध्यापन करती है। बच्चों को उनके अध्यापन शैली बहुत रुचिकर लगती है एक दिन भी यदि मणिप्रभा किसी विशेष कार्य से छुट्टी पर रहती है तो बच्चे उनके घर उन्हें बुलाने चले जाते हैं। हर शिक्षक का बच्चा उनका आईना होता है और उनके बच्चे उनके गुणगान करते नहीं थकते वास्तव में मणि प्रभा का जीवन ही समाज के लिए प्रेरणादायक है। वह समाज में दो प्रकार से लोगों को जागरूक करती हैं पहले तो स्वच्छ रहिए प्लास्टिक मुक्त भारत बनाया किसी प्रकार से अपने आसपास के वातावरण को गंदगी से बचाइए खुद भी स्वस्थ रहिए और लोगों को भी स्वस्थ रखिए स्वच्छता का पालन के द्वारा तथा चारों तरफ हरियाली दिखे दिए आवश्यक नहीं कि आपके पास बड़ा कोई बगीचा हो आप अपने घर की छोटी से बालकनी में भी पौधों को लगाकर हरियाली दे सकते हैं। प्रकृति का उपकार कीजिए पेड़ों को लगाइए अधिक से अधिक पेड़ों को बचाइए। उनका क्लीन एंड ग्रीन मिशन आगे भी चलता रहेगा अवश्य समाज समाज उनसे प्रेरणा लेगा।

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