खेजरोली व मनोहरपुर में खोला जाये नवीन महाविद्यालय : मनीष यादव

विधानसभा में आयोजित प्रश्न एवम् संदर्भ की बैठक में शाहपुरा विधायक ने उठाया मुद्दा
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शाहपुरा। गतदिनों राजस्थान विधानसभा के मीटिंग सभागार में आयोजित प्रश्न एवं संदर्भ समिति की महत्वपूर्ण बैठक सभापति संदीप शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुई जिसमें उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े मुद्दों पर गहन चर्चा की गई।
बैठक में शाहपुरा विधायक यादव ने अपने क्षेत्र के उच्च शिक्षा विभाग से जुड़ी प्रमुख समस्याओं एवं आवश्यकताओं को मजबूती से उठाया। विधायक यादव ने मीटिंग में विधानसभा क्षेत्र के खेजरोली व मनोहरपुर में नवीन महाविद्यालय खोलने, कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी वितरण योजना में ओबीसी वर्ग के लिए पृथक से कैटेगरी सृजित करने, बाबा भगवान दास राजकीय महाविद्यालय में पीजी स्तर पर स्वपोषित योजना अंतर्गत संचालित रसायन शास्त्र, प्राणी शास्त्र व गणित को राजकीय मद से संचालित करने, बाबा गंगादास राजकीय कन्या महाविद्यालय शाहपुरा में पीजी स्तर पर भौतिक, जीव, वनस्पति विज्ञान, गणित व अंग्रेज़ी विषय शुरू करने, राजकीय महाविद्यालय राडावास में यूजी स्तर पर विज्ञान संकाय खोलने, पीजी स्तर पर राजनीतिक विज्ञान विषय शुरू करने, बाबा नारायणदास कला महाविद्यालय में पीजी स्तर पर अंग्रेज़ी विषय शुरू करने पर विस्तृत चर्चा हुई।
साथ ही विधायक यादव ने कहा कि ग्राम चिमनपुरा स्थित उच्च शिक्षा संस्थान की स्थापना बाबा भगवानदास जी की पावन स्मृति में संत श्रीनारायणदास जी महाराज द्वारा अपनी दूरदर्शिता, तप, त्याग एवं शिक्षा के प्रति समर्पण भाव से की गई थी। यह संस्थान दशकों से ग्रामीण अंचल व आसपास के छोटे कस्बों के क्षेत्रों के हजारों विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराते हुए उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का माध्यम रहा है।
इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उ‌द्देश्यों के अनुरूप, कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय को एकीकृत रूप से मूल भवन में संचालित करते हुए इसे पुनः बाबा भगवानदास राजकीय महावि‌द्यालय के रूप में संगठित किया जाए, जिससे वि‌द्यार्थियों को समग्र एवं बहुविषयक शिक्षा का समुचित अवसर प्राप्त हो।
तथा कृषि संकाय को “भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) के मानकों के अनुरूप नवीन भवन में एक स्वतंत्र कृषि महावि‌द्यालय के रूप में पूर्णतः राजकीय मॉडल पर संचालित किया जाए तथा इसका नाम बाबा नारायणदास राजकीय कृषि महाविद्यालय रखा जाए। साथ ही, महावि‌द्यालय को आवंटित लगभग 80 बीघा कृषि भूमि का उपयोग फार्म हाउस, कृषि विज्ञान केंद्र एवं अनुसंधान केंद्र के रूप में किया जाए, जिससे न केवल विद्यार्थियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त हौ, बल्कि स्थानीय किसानों को भी नवीन कृषि तकनीकी एवं अनुसंधान गतिविधियों का सीधा लाभ मिल सके। इस अवसर पर समिति के माननीय सदस्यगण तथा उच्च शिक्षा विभाग के एसीएस कुलदीप रांका तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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