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शाहपुरा। शाहपुरा से कांग्रेस विधायक मनीष यादव ने कहां कि प्रदेशभर से कई शिक्षित बेरोजगारों ने मिलकर व दूरभाष पर अवगत करवाया था कि मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत प्रदेश में शिक्षित बेराजगारों को मिलनें वाले बेरोजगारी भत्तें की राशि का भुगतान पिछलें जनवरी माह से बकाया चल रहा है, जिसकों लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बेरोजगार भत्तें की बकाया राशि का भुगतान करने की मांग की है।
विधायक ने कहां कि प्रदेश में बढती बेरोजगारी की समस्या को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा राजस्थान बेराजगारी भत्ता योजना शुरू की गई थी। इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश को शिक्षित बेरोजगारी की समस्या से मुक्त करना एंव उन्हें रोजगार प्राप्त करने में मदद करना है। प्रदश में ऐसे कई युवा है, जो पढें-लिखें होने के बावजूद भी वह बेरोजगार बैठे है, जिसकें कारण उन्हें जीवन में कठिनाईयों का सामना करना पड रहा है।
विधायक ने कहां कि इस योजना के तहत विभाग की ओर से बेरोजगार युवाओं को दो साल तक भत्ता दिया जाता हैं, जिसकें लिए प्रतिवर्ष 2 लाख बेरोजगार युवाओं की सीमा तय कर रखी है। उक्त 2 लाख के पष्चात पंजीकृत बेरोजगारों में से अगले 2 लाख को लाभांवित किया जाता है। बेरोजगार युवतियों को 4500 रूपयें व बेराजगार युवकों को 4000 रूपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जो युवाओं के लिए संजीवनी का काम करती है, परन्तु आज यह योजना स्वयं ही बजट के अभाव में जूझ रही है।
विधायक ने कहां कि प्रदेश के शिक्षित बेरोजगारों को प्रतिमाह मिलनें वाली लगभग 85 करोड रूपयें की राशि का भुगतान पिछलें जनवरी माह से बकाया होने के कारण शिक्षित बेराजगार युवाओं के सामनें अपनी पढाई जारी रखनें, रूम का खर्चा अदा करने, अध्ययन के लिए उपयोगी पाठ्य पुस्तक सामग्री खरीदने, ट्यूशन फीस व लाइब्रेरी फीस भरने के साथ ही जीवनयापन का संकट खडा हो गया है। इन विषम परिस्थितियों में वित्तीय सहायता के अभाव में शिक्षित बेराजगारों के सुनहरें सपनों पर कुठाराघात हो रहा है।
विधायक ने कहां कि सरकार शिक्षित बेराजगार युवाओं के प्रति संवेदशीलता दिखाते हुए इनकें बकाया बेरोजगारी भत्तें का भुगतान शीघ्र करवाकर इन्हें वित्तीय सहायता प्रदान कर आर्थिक संबल प्रदान करे ताकि युवाओं का अध्ययन कार्य प्रभावित नही हो तथा अपना अध्ययन कार्य जारी रख सके।