
जाफर लोहानी
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मनोहरपुर (जयपुर)। शाहपुरा शहर के समीपवर्ती अमरसर में महाभारत कालीन महाकाली शक्ति पीठ माता मंदिर में देवीआह्वान के साथ नवरात्र के अष्ठम दिवस में सहस्त्र चंडी का आयोजन श्री प्रेमगिरी महाराज के सान्निध्य में एंव पण्डित पुरुषोत्तम शास्त्री ढेर का बालाजी के आचार्यत्व में चल रहा है।
पंडित हेमंत शर्मा,कमलेश वशिष्ठ ने जानकारी देते हुए बताया सुबह वैदिक मंत्रोच्चार के साथ नित्य अर्चन के साथ पण्डित ललित शर्मा पटवारी का बास ,वैदिक पण्डित नरेन्द्र शर्मा निमकी ,कैलाश चन्द्र शास्त्री कानरपुरा के सान्निध्य में विद्वान पण्डितों के द्वारा सस्वर दुर्गासप्तशति पाठ किया जा रहा है।
सुबह माँ गौरी के जय घोष के साथ भक्तो की मनोकामना की सिद्धि के लिए दिन भर दुर्गा सप्तशति पाठ व नवपरायन रामायण पाठ एंव शिवशक्ति पूजन,भैरव नामावली के पाठ हुआ।
आचार्य पण्डित पुरुषोत्तम शर्मा जयपुर ढेर के बालाजी ने बताया कि देवि का आठवां रूप मां महागौरी है. इनका अष्टमी के दिन पूजन का विधान है पूजन करने से समस्त पापों का क्षय होता है, सुख में वृद्धि होती है, शत्रु का शमन होता है। नवमी के दिन सिद्धि दायिनी मां यानी सिद्धि को देने वाली सिद्धिदात्री का पूजन का विधान है। पण्डित योगेश शर्मा ने बताया कि माँ गौरी की महिमा वर्णन करते हुए कहा कि माँ की उपासना करने से साधक को शक्ति विवेक और निर्भयता की प्राप्ति होती है। पण्डित मनीष शर्मा ने बताया कि माँ जगदम्बा सभी भक्तों की मनोकामना पुर्ण करती है और पण्डित विनोद शास्त्री दौसा ने जानकारी देते हुए कहा की आज सहस्त्र चण्डी दुर्गा सप्तशती पाठ पूर्णाहुति के साथ समापन होगा।
मन्दिर महंत प्रेमगिरी महाराज ने कहा कि करीबन 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने माता रानी के दर्शन किये है । साथ ही रोजाना मां भगवती प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया जा रहा है।मंदिर परिसर को सजाया गया है। जानकारी देते हुए पंडित गोविंद शर्मा खाटूश्याम ने बताया कि कुष्माण्डा,भगवती की शक्ति से उत्पन्न हुये सनत्कुमार का नाम स्कन्द उनकी माता का नाम स्कंद माता, देवताओ का कार्य सिद्ध करने के लिए महर्षि कात्यायन के आश्रम पर प्रकट हुई कात्यायनी, सबको मारने वाले काल पकी भी रात्री कालरात्री, तपस्या द्वारा महान गौरवर्ण प्राप्त किया महागौरी कहलाई,सिद्धि अर्थात मोक्ष को देने वाली होने से सिद्धिदात्री,है। नवरात्र में नो दिन श्रद्धालू महालक्ष्मी,महासरस्वती,महाकाली त्रिगुणात्मक स्वरूपिणी दुर्गा देवी की पूजा अर्चना करते है।