
स्वायत्त शासन विभाग के आदेश के बाद भी नहीं हुई पालना
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील। राज्य की नगरीय निकायों में सम्पादित होने वाले कार्यों के संबंध में समय-समय पर समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित होने के बाद स्थानीय नगर पालिका द्वारा इस संबंध में अपनी टिप्पणी तत्काल प्रभाव से भिजवाने हेतु एक जनरल आदेश जारी किया गया था लेकिन आज तक इस संबंध में कोई रिपोर्ट भिजवाई गई हो ऐसा कहीं भी परिलक्षित नहीं हो रहा है। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं संयुक्त सचिव हृदेश कुमार शर्मा ने इस संबंध में पत्र क्रमांक पीआर/डीएलबी /विविध 2021/1342-1554, दिनांक 15/06/22 को एक सर्कुलर जारी किया था। विभाग की ओर से आदेश दिए गए थे कि समाचारों पर मुख्यमंत्री कार्यालय एवं सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग को तत्काल टिप्पणी भिजवाया जाना आवश्यक होता है। इस विभाग की जनसम्पर्क शाखा द्वारा संबंधित निकाय से संबंधित समाचार पत्रों की कटिंग निकाय के आयुक्त/ अधिशाषी अधिकारी को उसी दिन ई-मेल एवं वाट्सऐप के माध्यम से भिजवाकर यह अपेक्षा की जाती है कि वे उस पर अपनी सारगर्भित टिप्पणी तत्काल उसी दिन ई-मेल के माध्यम से भिजवाये। किन्तु खेद है कि नगरीय निकायों के आयुक्त/अधिशाषी अधिकारी को दूरभाष पर बार-बार निर्देश दिये जाने के बावजूद भी समाचार पत्र की कटिंग पर अपनी टिप्पणी तत्काल नहीं भिजवायी जाती है, जिसके कारण विभागीय टिप्पणी मुख्यमंत्री कार्यालय एवं सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग को भिजवाना संभव नहीं हो पाता है। इससे न केवल विभाग की अपितु राज्य सरकार की भी छवि खराब होती है। इस स्थिति को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा काफी गम्भीरता से लिया जा रहा है। नगरीय निकायों द्वारा समय पर वांछित सूचना नहीं भिजवाना निकाय के आयुक्त/अधिशाषी अधिकारी की गम्भीर लापरवाही एवं राजकीय कार्यों के प्रति उदासीनता का द्योतक है।
समय-समय पर अनेक स्मरण पत्र जारी कर यह भी लिखा गया था कि पुनः निर्देशित किया जाता है कि वांछित सूचना संयुक्त निदेशक (जनसम्पर्क) की ई-मेल आई. डी. jdpr.lsg@gmail.com पर उसी दिन आवश्यक रूप से भिजवायें। यदि भविष्य में उपरोक्तानुसार वांछित सूचना तत्काल भिजवाने में विलम्ब किया जाता है, तो संबंधित निकाय के आयुक्त/अधिशाषी अधिकारी के विरूद्ध तुरन्त ही अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लायी जा सकती है, जिसके लिए वे स्वयं जिम्मेदार होंगे
इसकी पालना सुनिश्चित किए जाने हेतु उपनिदेशक (क्षेत्रीय), स्थानीय निकाय विभाग, समस्त राजस्थान को भेजकर लेख है कि अपने स्तर से आपके संभाग की निकायों को उसी दिन सूचना उक्त ई-मेल आई.डी. पर आवश्यक रूप से भिजवाने हेतु निर्देशित कराएं ताकि सरकार की मंशा के अनुरूप बेहतर कार्य हो सके। यह बताना जरूरी है कि सांभर में अनेक दफा अलग-अलग समस्याओं को लेकर खबर प्रकाशित की जाती रही है लेकिन इस संबंध में ने तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों को कोई जानकारी है और नहीं उन्हें कोई जानकारी उपलब्ध करवाई जाती है कि इस संबंध में क्या कार्रवाई की जाएगी अथवा की जा रही है। इस संबंध में भाजपा के पार्षद अनिल गट्टानी का कहना है कि शुक्रवार को बोर्ड की मीटिंग है। हम इस सर्कुलर का हवाला देते हुए उन पर पूरा दबाव बनाएंगे की क्षेत्र की जो भी खबर प्रकाशित होती है उस पर तत्काल टिप्पणी सरकार को भिजवाएं। जनप्रतिनिधियों को भी इसमें अपनी सक्रिय भूमिका अदा करनी चाहिए।