दशकों पुरानी परंपरा को तोड़ने की पालिका की योजना फेल

बीजेपी के चेयरमैन से भाजपा के लोगों ने ही लगाई गुहार
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील। स्थानीय पालिका प्रशासन अपने मन मुताबिक काम करने का ही आदि रहा है ऐसी बातें अनेक बार सुनने को मिलती रही हैं। खुद के फायदे के लिए अथवा कुछ लोगों के लाभ के लिए हजारों लोगों की भावनाओं को कुचलने का प्रयास पालिका प्रशासन ने उस वक्त करने का किया जब नीम रोड स्थित दशहरा मैदान पर कई दशकों से जारी रावण दहन की परंपरा को समाप्त कर करीब 1 किलोमीटर दूर सुनसान जगह पर यानी आबादी से दूर गौरव पथ के समीप स्थित खेल मैदान पर रावण दहन करने के कार्यक्रम को करीब करीब तय कर लिया। ऐसा नहीं है कि यह मामला कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए चैयरमेन के संज्ञान में नहीं रहा हो। जानकारी में आया कि नए ग्राउंड पर रावण दहन करने के लिए पालिका ने पूरा बंदोबस्त कर लिया था, खाली मैदान में 10 से अधिक पानी के टैंकरों का छिड़काव भी इसलिए करवाया था कि प्रभु श्री राम को रथ में बैठाकर निकाली जाने वाली शोभा यात्रा के पहिए कहीं मिट्टी में नहीं धंस जाए। प्रैक्टिकल करने के लिए ट्रैक्टर मंगवाया भी गया बताया, लेकिन मामला बैठा नहीं। इसी बीच समूचे कस्बा में यह खबर आग तरह फैल गई कि रावण का दहन इस बार आबादी से दूर होगा, तो किस प्रकार महिलाएं और बच्चे इतनी दूर रावण दहन देखने जा पाएंगे। पालिका प्रशासन की किरकिरी और आमजन की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए आखिरकार पूरे बीजेपी के लोग अपने ही पार्टी के अध्यक्ष के पास जाकर गुहार लगाने लगे की मेले को यथा स्थान भरवारा जाए। अंत में निर्णय वही हुआ था जो वर्ष 2024 में भी करने का प्रयास किया गया था। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली।

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