जमाअत-ए-इस्लामी हिंद का देशव्यापी पड़ोसियों के अधिकार अभियान

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जयपुर। जमाअते इस्लामी हिन्द राजस्थान की ओर से आज एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमें जमाअत के प्रदेशाध्यक्ष मुहम्मद नाज़िमुद्दीन ने सम्बोधित करते हुए बताया कि जमाअत-ए-इस्लामी हिंद की ओर से “आदर्श पड़ोसी, आदर्श समाज” के नारे के साथ “पड़ोसियों के अधिकारों” को लेकर दस-दिवसीय देशव्यापी मुहिम शुरू करने का निर्णय लिया गया है। यह मुहिम 21 से 30 नवंबर 2025 तक पूरे देश में चलेगी, जिसका उद्देश्य पड़ोसियों के प्रति अच्छे व्यवहार और सद्भावना की भावना को फिर से जगाना और सामुदायिक संबंधों को मज़बूत करना है।
इस्लाम पड़ोसियों के अधिकारों को बड़ा महत्व देता है और इसे एक सामंजस्यपूर्ण समाज की आधारशिला मानता है। क़ुरआन में अपने अनुयायियों को स्पष्ट रूप से न केवल निकटम पड़ोसियों के साथ, बल्कि ‘अस्थाई पड़ोसी’ के रूप में निकट आए लोगों के साथ भी अच्छा व्यवहार करने का आदेश दिया गया है जिसमें सहकर्मी, सहयात्री और यहाँ तक कि सड़क पर हमारे साथ चलने वाले लोग भी शामिल हैं। इस मुहिम के ज़रिए, हम मुसलमानों को इन अनिवार्य शिक्षाओं की याद दिलाना चाहते हैं और उन्हें अच्छे पड़ोसी बनने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं, ताकि समाज के सामने इस्लाम की शिक्षाएं ज़ाहिर हो सकें।
अच्छे रिश्तों की नींव पर बना समाज अपने आप ही एक मिसाली समाज बन जाता है। जब पड़ोसी एक-दूसरे के साथ दया, क्षमा और इंसाफ़ के साथ पेश आते हैं, तो इससे उठने वाली लहर पूरे समाज को परिवर्तित कर देती है। हमें उम्मीद है कि यह मुहिम न सिर्फ़ पड़ोसियों के बीच के गलतफहमियों को दूर करने का ज़रिया बनेगी, बल्कि हमदर्दी और सामाजिक ज़िम्मेदारी जैसे इस्लामी मूल्यों का एक मज़बूत सबूत भी बनेगी। यह मुहिम शहरी इलाकों में बढ़ते अकेलेपन की भावना को सम्बोधित करती है, जिसकी वजह से पड़ोसी रिश्तों की अनदेखी हो रही है। इस मुहिम का मकसद आपसी हमदर्दी, सहयोग, साफ़-सफ़ाई और ट्रैफिक डिसिप्लिन को बढ़ावा देना है जिसे इस्लाम अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी मानता है ।
इस मुहिम में कई तरह कार्यक्रम होंगे, जैसे सभी धर्मों के पड़ोसियों के साथ मीटिंग, चाय सभाएं, महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष प्रोग्राम, मोहल्लों में सफाई मुहिम, रास्ते के अधिकारों पर जागरूकता रैलियां, और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं, विभिन्न धर्मों के बीच तालमेल को मज़बूत करने और इस्लाम के बारे में गलतफहमियों को दूर करने के लिए हम-वतन भाइयों और बहनों तक पहुंचने पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा। इस मुहिम में ‘अपने पड़ोसी को जानें’, आस-पड़ोस में सांस्कृतिक सभाएं, और स्थानीय समितियों की योजना भी शामिल होगी ताकि मुहिम के बाद भी लगातार विचार-विमर्श और फॉलो-अप को प्रोत्साहन मिलता रहे।
प्रदेश में इस मुहिम के दौरान निम्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे:
पत्रकार सम्मेलन, जुमे के खिताब, छात्रों व युवाओं की विभिन्न प्रतियोगिताएं (चित्रकला, नाटक, नात, वीडियो, रील्स, भाषण, निबंध लेखन, कहानी सुनाना आदि तथा सेल्फी पॉइंट) के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
मुहिम के दौरान जमाअत के कार्यकर्ता अपने पड़ोसियों (बिना धर्म भेदभाव के) से मिलेंगे और उन्हें कुछ उपहार देंगे। पड़ोस और मोहल्ले के बुजुर्गों तथा बीमार लोगों से भी मुलाकात की जाएगी और मिली-जुली सभाएं भी आयोजित की जाएंगी। मस्जिद परिचय के प्रोग्राम भी रखे जाएंगे।
महिलाओं के लिए विशेष कार्यक्रम, चाय पार्टी, सांस्कृतिक गतिविधियाँ/खेल आदि का आयोजन किया जाएगा।
“विभिन्न धर्मों में पड़ोसियों के अधिकार” विषय पर जयपुर में सिंपोजियम आयोजित किया जाएगा। युवाओं में जागृति के लिए रैलियाँ निकाली जाएंगी। सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता कार्यक्रम, मोहल्ला सफाई, जन सभाएँ, सांस्कृतिक समारोह आदि होंगे। यह जानकारी डॉ सैयद नासिर हसन, मीडिया सचिव, जमाअते इस्लामी हिन्द, राजस्थान ने प्रेस नोट में दी।

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