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सांभरझील। सांभर तहसीलदार के यहां कथित अवैध तरीके से वाल्मीकि समाज की धरोहर विक्रय पत्र पंजीबद्ध कराने के मामले को लेकर वाल्मीकि समाज के लोगों ने उपखंड अधिकारी से शिकायत दर्ज कराई तथा अनुरोध किया कि इसका राजस्व रिकॉर्ड में नामांतरण नहीं खोला जाए। पार्षद अभिलाष तंबोलिया ने बताया कि कस्बा सांभर लेक में रोडवेज बस डिपों के पास आराजी खसरा नं. 161,167 स्थित है जिस पर हरिजन समाज की बगीची बनी हुई हैं तथा जिसमें गैर मुमकिन बगीचे दर्ज है, उक्त आरजी पर हरिजन समाज के द्वारा निर्मित परम पूज्य श्री महार्षि नवल साहिब की प्रतीमा व नाथ महाराज का धूना, श्री जहरी नाथ जी महाराज की समाधी, श्री बिन्जा राम महाराज की समाधी, बालाजी महाराज का चबूतरा, शिव मंदिर व नवल मंदिर स्थित हैं। जो हरिजन समाज ने आपसी सहयोग से निर्मित किये है । उक्त स्थान हरिजन समाज का आस्था पर पूजा का मुख्य स्थान हैं । यह भी बताया गया कि उक्त बगीची पर पुख्ता कमरो का निर्माण नगरपालिका मण्डल सांभर से अनुमित प्रदान कर किये हुये है। ज्ञापन पत्र प्रस्तुत कर निवेदन किया गया कि कथित बेचान पत्र 08.09.2025 के आधार पर नामान्तरण की कार्यवाही नहीं की जाए एवं अवैध विकय पत्र की जांच कर व मौका स्थिति की जांच कर कथित विकय पत्र को निरस्त करवाने की कार्रवाई की जाए। इस मौके पर अध्यक्ष हरिजन समाज सहित समाज के अनेक लोगों की मौजूदगी रही।