
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील। सांभर राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को उप जिला अस्पताल में करमुनाथ हुए करीब 2 साल का लंबा समय हो गया है, लेकिन इसके पश्चात तमाम फैसेलिटीज जो मापदंड के अनुसार उपलब्ध होनी चाहिए उसमें अभी बहुत कुछ बाकी है। करीब 25 साल के लंबे इंतजार के बाद यहां के मरीज को सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सोनोग्राफी मशीन सरकार की ओर से कुछ दिनों पहले ही प्रोवाइड भी करवा दी गई है, लेकिन अब दुख इस बात का है कि जब सोनोग्राफी मशीन नहीं आई थी तो यहां पद स्थापित सोनोलॉजिस्ट चार माह तक ठाली बैठी रही, मशीन आने के करीब 1 महीने पहले ही उनका स्थानांतरण विभाग ने अन्यत्र जगह कर दिया।
सोनोलॉजिस्ट के भाव में कभी मशीन पैकिंग में लिपटी हुई रखी है। करीब 50 लाख का ओपीडी भवन का उद्घाटन पूर्व विधायक निर्मल कुमावत ने विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले कर तो दिया था लेकिन वह आज तक चालू नहीं हुआ। सरकार की ओर से उप जिला अस्पताल नवीन भवन निर्माण के लिए घोषणा भी कर चुकी है, लेकिन सांभर पालिका प्रशासन की ओर से अभी तक भूमि का चिन्हिकरण करके यह नहीं बताया गया है कि अस्पताल प्रशासन को निशुल्क भूमि कब तक आवंटन कर दी जाएगी। समय रहते भूमि आवंटन नहीं हुई तो फिर दोबारा इस अस्पताल का उद्धार हो पाएगा इस पर गहरा प्रश्न चिन्ह लगा सकता है।
यहां के पीएमओ अरुण सिंह भाटी बताते हैं कि हमारी तरफ से 5-6 बार भूमि आवंटन करवाने के लिए उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी और अध्यक्ष तक को लिखित और मौखिक में अनुरोध कर चुके हैं, करीब 2 साल बीतने को है यह यहां के जनप्रतिनिधियों को देखना चाहिए। सोनोलॉजिस्ट मशीन के बारे में भाटी का कहना है कि सोनोलॉजिस्ट के आने के बाद ही संचालन होना संभव हो सकेगा क्योंकि इसके लिए स्पेशल ट्रेनिंग जरूरी होती है। नियुक्ति का मामला हमारे हाथ में नहीं है। प्रिंसिपल चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ महेश वर्मा बताते हैं कि ओपीडी भवन में रंग रोशन और कुछ थोड़ी बहुत कमियां थी जिसे पूरा करवाया जा रहा है शीघ्र ही नया ओपीडी भवन चालू हो जाएगा।