समस्याओं के निराकरण में जनप्रतिनिधियों की नाकामी : विनोद गट्टानी

स्वास्थ्य, रोजगार, पेयजल, ट्रेनों का अभाव विकट समस्या
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
www.daylifenews.in
सांभरझील। सांभर की महत्वपूर्ण ज्वलंत समस्याओं के निराकरण करवाने में पूरी तरह से विफल रहने पर व्यापार महासंघ अध्यक्ष विनोद कुमार गट्टानी ने इसके लिए सीधे तोर पर जनप्रतिनिधियों को दोषी ठहराया है। सोशल मीडिया पर अपनी एक पोस्ट डालकर उन्होंने सभी को कटघरे में खड़ा करते हुए अपनी तरफ से आमजन के समर्थन में पक्ष रखा कि आपका भाई आपके साथ 24 घंटे साथ देने के लिए खड़ा है, दुख की बात है कि लेकिन इस गांव के नेताओं का होना नहीं होना एक प्रकार से बराबर है, क्योंकि जब इनको वोटो की जरूरत होती है तो अपने सांसद, एमएलए उम्मीदवारों के पक्ष में इस प्रकार से जनता को भ्रमित कर वोट मांग लेते हैं, लेकिन जैसे ही चुनाव जीत जाते हैं तो ऐसे गायब हो जाते हैं जैसे गधे के सिर से सींग। उन्होंने यह भी बताया कि अपना दोनों दलों के नेता स्वार्थ सिद्ध करते हैं और जनता की तरफ कोई किसी प्रकार का ध्यान नहीं देते हैं। नगरपालिका पार्षद भी इस विषय में मौन बैठे हैं। आमजन के कोई भी कार्य करवाने में सक्षम नहीं है, यह तो आम जनता का शोषण कर रहे हैं। विनोद गट्टानी ने लोगों से अपील की कि, आप लोगों से मेरा विनम्र निवेदन है कि ऐसे तथाकथित दोगले नेताओं को व प्रशासनिक अधिकारियों को जवाब देने के लिए ज्ञापन काफी नहीं है, धरना प्रदर्शन करना ही पड़ेगा, अन्यथा इनकी कुंभकर्णी नींद कभी भी नहीं खुलेगी।
क्षेत्र में लंबे समय से पेयजल की समस्या गहराई हुई है जलदाय विभाग को कई बार कह दिया लेकिन लाइन टूटने जैसे झूंठे बहाने बनाकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। इसलिए हम सबको एकत्रित होकर ही इस लड़ाई को लड़ना पड़ेगा क्योंकि हमारे नेता लोग हमारे में फूट पटक कर धरना प्रदर्शन खत्म करवा देते हैं और प्रशासनिक अधिकारियों से अपनी वैल्यू बढ़ा लेते हैं। इसलिए मजबूत होकर हमको कंधे से कंधा मिलाकर एक साथ रहकर इस लड़ाई को लड़ने के लिए तैयार होना पड़ेगा। सरकार की तरफ से प्रमुख स्थानों पर ने 8 सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए भेजे लेकिन एक भी कैमरा नहीं लगाया। सांभर उप जिला अस्पताल नवीन भवन के लिए करोड रुपए का बजट आया हुआ है एक साल से अस्पताल प्रशासन को जमीन यहां के नेता नहीं दिलवा पा रहे है। कमजोर और भ्रष्ट नेताओं के कारण ही नवीन जिला से निर्माण के लिए 5 करोड़ से अधिक का बजट आने के बाद भी 2 साल से काम पेंडिंग चल रहा है यह शर्म की बात है। अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन आई तो राजनीतिक दबाव के कारण सोनोलॉजिस्ट का ट्रांसफर करवा दिया और बाहर जांच करने वालों के बल्ले बल्ले हो रही है। रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का एक भी ठहराव नहीं हो रहा है। ट्रेनों का ठहराव न तो पहले वाले सांसद से हुआ और न ही वर्तमान सांसद कुछ कर रहे हैं। सैकड़ों यात्रियों को ट्रेन पकड़ने के लिए फुलेरा जाना पड़ता है। इसके अलावा हमारे सांभर के नौजवान, मजदूर, एवं पढ़े लिखे लोगों को रोजगार के लिए जयपुर, राजास व मकराना इत्यादि जगहों पर भटकना पड़ रहा है। सरकार का भी हमारे सांभर के साथ दुराचार की भावना जैसा व्यवहार किया जा रहा है। रुपनगढ़, अजमेर जाने वाली बसों का ठहराव बंद हो रखा है जिसके लिए भी कई बार लिख चुके हैं लेकिन ध्यान किसी का नहीं है। आगे की शिक्षा हासिल करने व रोजगार की वजह से सांभर से सैकड़ों परिवार तो पलायन भी कर चुके हैं, सांभर आधे से ज्यादा खाली हो चुका है, फिर भी सरकार ध्यान नहीं दे रही है।

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