
जाफ़र लोहानी
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मनोहरपुर (जयपुर)। सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष सूफ़ी सैय्यद आबिद अली चिश्ती ने कहा कि खुदा ख़ुद फरमा रहा है कि की मुहम्मद से वफ़ा तो हम तेरे है, ये दुनियां क्या चीज़ है लौह क़लम तेरे है यह शब्द सैय्यद आबिद अली चिश्ती ने जश्न ए ईद मिलादुन्नबी की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से वार्तालाप में कहे!
उन्होंने बताया कि ईद मिलादुन्नबी इस्लाम धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लाहों अलेह व सल्लम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
यह त्योहार रबी अल-अव्वल महीने की 12वीं तारीख को मनाया जाता है, जो इस्लामी कैलेंडर का तीसरा महीना है।
ईद मिलादुन्नबी का महत्व
- पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लाहों अलेह व सल्लम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाने वाला यह त्योहार मुसलमानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
- इस दिन लोग मस्जिदों में जाते हैं, जहां वे उपदेश सुनते हैं और अल्लाह के लिए नमाज पढ़ते हैं व पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लाहों अलेह व सल्लम के हक़ में दुआएं करते है
- लोग अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों को मिठाइयां और अन्य पकवान बांटते हैं ¹।
ईद मिलादुन्नबी कैसे मनाई जाती है? - इस दिन लोग गली-मोहल्लों में इस्लामी झंडे लगाते हैं।
- मस्जिदों में दरूद व सलाम पढ़ते है।
- गरीबों में जकात भी दी जाती है, जिससे सवाब मिलता है।
- लोग जुलूस निकालकर खुशियां मनाते हैं और पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लाहों अलेह व सल्लम की शिक्षाओं को याद करते हैं।