
जाफ़र लोहानी
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मनोहरपुर (जयपुर)। भामाशाह मोहन कुड़ी ने कहा कि तेजाजी महाराज ने गायों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। कुड़ी ने कहा कि समाज सेवा से सामाजिक एकता बढ़ती है और लोग एक दूसरे के साथ जुड़ते हैं।
कुड़ी ने कहा कि समाज सेवा से समाज का उत्थान होता है और लोगों का जीवन स्तर बेहतर होता है। कुड़ी ने कहा कि समाज सेवा से व्यक्ति का व्यक्तिगत विकास होता है और वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। यह शब्द कुड़ी ने आल राजस्थान जाट एडवोकेट्स एसोसिएशन के तत्वाधान में जारही श्री वीर तेजाजी खरनाल धाम 2 यात्रा को कलेक्ट्री सर्किल जयपुर में हरी झंडी दिखाकर रवाना करते समय कहे।
नागौर में रालोपा सुप्रीमो व सांसद हनुमान बेनीवाल (एडवोकेट) ने यात्रियों का भव्य स्वागत किया। उल्लेखनीय है कि तेजाजी महाराज राजस्थान के एक महान लोक देवता थे, जिनका जन्म 29 जनवरी 1074 ईस्वी को नागौर जिले के खरनाल गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम ताहड़ जी और माता का नाम राजकंवर था। तेजाजी महाराज को गौ-रक्षक, सांपों के देवता और सत्यवादी के रूप में पूजा जाता है।