
सड़क पर बारिश के एकत्रित पानी को नालों के जरिए कुंड में पहुंचाने का प्लान
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
www.daylifenews.in
सांभरझील। सिवानिया मोड़ से तीर्थ स्थल देवयानी सरोवर तक बड़े-बड़े तकनीकी अधिकारी बारिश के बहते पानी को नालों के जरिए कुंड तक पहुंचाने के काम में अभी तक भी सफल नहीं हो सके हो, लेकिन नगर पालिका ने एक ऐसा जादुई तरीका ढूंढ निकाला है जो सब को चौंकाने वाला ही नहीं बल्कि अपने आप में एक हास्यास्पद भी हो सकता है। भूतेश्वर की बगीची के पास सांभर नावा रोड पर आसपास के खेतों से बहकर आने वाले बारिश का पानी जो कि यहां पर इकट्ठा हो जाता है को यहां से करीब आधा किलोमीटर दूरी पर स्थित देवयानी कुंड तक पहुंचने के लिए पालिका इस पर 50 लाख रुपए खर्च करने जा रही है। इस तकनीकी योजना को किस स्तर पर मंजूर करवाया गया और किसने इतना तगड़ा दिमाग लगाया कि इस पर काम भी शुरू हो गया है। बाकायदा सड़क के किनारे किनारे बड़े-बड़े पाइप बिछाए जा रहे हैं तथा बीच-बीच में चेंबर भी लगाए गए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां पर इकट्ठे होने वाले पानी को एक स्पेशल तरीके से उसे चेंबर में डालकर नालों के जरिए कुंड तक पहुंचने का काम पालिका करवा रही है। भूतेश्वर बगीची के पास क्या इतना पानी इकट्ठा हो जाता है बारिश के दौरान उसे कुंड तक पहुंचने के लिए बिना किसी राय मशविरा के 50 लाख रुपए का टेंडर ही दे दिया गया। मौका निरीक्षण किया गया तो राष्ट्रदूत को जानकार लोगों ने बताया कि पृथ्वीराज सर्कल से और भूतेश्वर बगीची तक सड़क का जबरदस्त ढलान इसी सांभर नावा रोड पर है और उधर से बहतर आने वाला आसपास की दुकानों का गंदा पानी, मोटर गैरेज का पानी और सीवर का पानी जब यहां पर मिक्स हो जाएगा तो यह कैसे संभव है कि साफ पानी सरोवर में मिल जाएगा। इसको लेकर श्रद्धालुओं में एक अंदरूनी चिंता भी व्याप्त है लेकिन प्रत्यक्ष रूप से इस संबंध में मुंह खोलकर कोई बोलने को तैयार नहीं है। जानकारी जुटाई गई तो बताया गया कि सिस्टम इस प्रकार से तैयार किया जाएगा की गंदा पानी सरोवर तक नहीं पहुंचे और केवल बारिश के पानी को ही वहां तक पहुंचाने का सफल हो। गंदे पानी को अलग तरीके से झीलों की तरफ ले जाया जाएगा लेकिन एक प्रकार से यह मामला कुछ अजीबोगरीब लोगों को नजर आ रहा है। अब देखना यह है कि तकनीकी रूप से यदि योजना सफल हो गई तो पालिका का प्रदेश स्तर तक नाम जरूर चमक जाएगा।