
जाफ़र लोहानी
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मनोहरपुर (जयपुर)। अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) देवेन्द्र मीणा के खिलाफ महिला फायरमैन द्वारा दर्ज कराया गया मामला जांच में झूठा निकला। सदर एसीपी ने अनुसंधान के बाद सीएफओ को क्लीन चिट दे दी है। वहीं मामले में फायरकर्मी विकास मीणा के खिलाफ चार्जशीट पेश की।
जानकारी के अनुसार गठवाड़ी निवासी (सीएफओ) देवेन्द्र मीणा के खिलाफ एक महिला ने बनीपार्क थाने में छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज करवाया था। जिसमें सदर एसीपी ने अनुसंधान के बाद मामला झूठा पाए जाने पर सीएफओ को क्लीन चिट दे दी है।
रिपोर्ट में बताया कि सीएफओ के खिलाफ जानबूझकर घटना पुरानी होना बताया गया, ताकि उस घटना के संबंध में सबूत नहीं मिले। परिवादिया महिला ने कानूनी जानकारी होने के कारण ऐसा किया।उक्त मामले में परिवादिया व उसके परिजन की तरफ से पहले भी बलात्कार, पोक्सो एक्ट व मारपीट के मामले दर्ज करवाए जा चुके है। उक्त मामले में जांच में सामने आया कि परिवादिया और फायरकर्मी विकास मीणा के बीच अच्छी दोस्ती थी। बाद में विकास के परिजन ने परिवादिया से दूरी बनाने को कहा और परिवादिया ने खुद भी दूरी बना ली। इसके बावजूद विकास परिवादिया का पीछा करता था और उसके साथ गाली गलौज भी की थी।
एसीपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि मामले में विकास के खिलाफ आरोप साबित होने पर चार्जशीट पेश की गई है। जबकि सीएफओ के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। इस मामले में सीएफओ) देवेन्द्र मीणा ने निदेशक एवम् विशिष्ट सचिव स्वायत्त शासन विभाग जयपुर को पत्र लिखकर महिला फायरमैन द्वारा लगाये गये झूठे आरोपों का संज्ञान लेकर उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने की मांग की है।