रहमत, बरकत और मग़फिरत का पाक महीना : डॉ. बेनज़ीर ख़ान

लेखिका : डॉक्टर बेनज़ीर ख़ा

माहे रमज़ान
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रमज़ान सिर्फ एक महीना नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि, संयम और इबादत का सुनहरा अवसर है। यह वही पाक महीना है जिसमें अल्लाह ने इंसानों की रहनुमाई के लिए कुरआन नाज़िल किया। रमज़ान इंसान को सब्र, सहानुभूति और भाईचारे की शिक्षा देता है।
रोज़ा: सिर्फ भूखे रहने का नाम नहीं
रोज़ा केवल खाने-पीने से दूर रहने तक सीमित नहीं, बल्कि यह आत्मसंयम और आत्मविश्लेषण का अभ्यास है। जब इंसान दिनभर भूखा-प्यासा रहता है, तो उसे उन जरूरतमंदों की तकलीफ़ का अहसास होता है, जिन्हें दो वक्त की रोटी भी मयस्सर नहीं होती। यह हमें दया और परोपकार की सीख देता है।
रमज़ान में ज़कात और सद्क़ा: जरूरतमंदों की मदद का अवसर
रमज़ान केवल इबादत का महीना नहीं, बल्कि इसमें गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद करना भी एक बड़ा फर्ज़ है। ज़कात और सद्क़ा का मकसद समाज में आर्थिक संतुलन बनाए रखना है, जिससे हर जरूरतमंद को राहत मिल सके।
सहरी और इफ्तार: सेहत और सौहार्द का संगम
रमज़ान में सहरी और इफ्तार का अपना अलग ही महत्व है। सहरी में पौष्टिक आहार लेना दिनभर ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है, जबकि इफ्तार में खजूर और हल्का भोजन शरीर को तुरंत ताजगी देता है। इसके साथ ही, इफ्तार दावतों से आपसी भाईचारा और सौहार्द भी मज़बूत होता है।
रमज़ान: दुआओं की कबूलियत का महीना
इस महीने में अल्लाह की रहमत बरसती है, और हर नेक दुआ कबूल होती है। यही वजह है कि इस महीने में लोग ज्यादा से ज्यादा इबादत करते हैं, तिलावत (कुरआन पढ़ना) में वक्त बिताते हैं और अपने गुनाहों की मग़फिरत मांगते हैं।
ईद-उल-फितर: खुशियों का तोहफा
रमज़ान के मुकम्मल होने के बाद ईद-उल-फितर का त्योहार आता है, जो इस पूरे महीने की इबादत और संयम का इनाम है। इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं, मीठी सेवइयाँ खाते हैं और एक-दूसरे को गले लगाकर भाईचारे का संदेश देते हैं।रमज़ान केवल एक इबादत का महीना नहीं, बल्कि यह इंसानियत, प्रेम और त्याग की भावना को मजबूत करने का मौका है। यह हमें सिखाता है कि भूख-प्यास से तड़पते गरीबों की मदद करें, सब्र और सहनशीलता को अपनाएँ और अल्लाह के करीब जाने का प्रयास करें। रमज़ान का सही मतलब तभी पूरा होता है जब हम इसे दिल से अपनाते हैं और इसकी सीख को अपनी जिंदगी में उतारते हैं। सभी पाठकों को रमज़ान मुबारक! (लेखिका का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)

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