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मुंबई। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने भारत रत्नम मेगा सीएफसी, एसईईपीजेड में दूसरे एसईजेड रत्न एवं आभूषण सम्मेलन 2025 का सफलतापूर्वक आयोजन किया, जिससे भारत के रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में प्रौद्योगिकी, ब्रांडिंग और निवेश को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को बल मिला। ‘एसईजेड: भारतीय निर्यात का भविष्य’ थीम के तहत आयोजित इस सम्मेलन में उद्योग जगत के लीडर और विशेषज्ञ निर्यात को बढ़ावा देने व निवेश आकर्षित करने की रणनीति तलाशने के लिए एक साथ आए।
कॉन्क्लेव का उद्घाटन महाराष्ट्र सरकार के उद्योग विभाग के सचिव डॉ. पी. अनबालागन, आईएएस ने किया। इस अवसर पर जीजेईपीसी के अध्यक्ष श्री किरीट भंसाली, जीजेईपीसी के उपाध्यक्ष श्री शौनक पारीख, जीजेईपीसी के एसईजेड के पूर्व संयोजक और सेनको गोल्ड एंड डायमंड्स के एमडी श्री सुवनकर सेन, भारत रत्नम मेगा सीएफसी के कार्य समूह के प्रमुख कॉलिन शाह, जीजेईपीसी के कार्यकारी निदेशक सब्यसाची रे और भारत रत्नम मेगा सीएफसी के कोर कार्य समूह के आदिल कोतवाल भी उपस्थित थे।
अपने स्वागत भाषण में जीजेईपीसी के अध्यक्ष किरीट भंसाली ने कहा, भारत के रत्न और आभूषण उद्योग में 70 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अपार निर्यात क्षमता है, जिसमें से लगभग 35 बिलियन अमेरिकी डॉलर का दोहन किया जाना बाकी है। एसईजेड अपनी उन्नत विनिर्माण क्षमताओं, सहायक पारिस्थितिकी तंत्र और कुशल कार्यबल का लाभ उठाकर इस विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
यह कार्यक्रम प्लैटिनम पार्टनर: प्लैटिनम गिल्ड इंटरनेशनल, डायमंड पार्टनर: एसजीएल, और सह-पार्टनर्स: सेनको गोल्ड एंड डायमंड्स और एल्मस द्वारा संचालित था।