
अरशद शाहीन
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जयपुर। विश्व आदिवासी दिवस एवं रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में एआईसीसी ह्यूमन राइट्स राजस्थान के तत्वावधान में विश्व आदिवासी दिवस पर संगोष्ठी और चांदपोल स्थित जनाना अस्पताल में फल वितरण किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि मीणा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. सी, घुमरिया, विशिष्ट अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता मोहन लाल बैरवा, मीणा समाज की महिला प्रदेश अध्यक्ष कोमल मीणा एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता एआईसीसी ह्यूमन राइट्स की महिला प्रदेशाध्यक्ष संगीता राठी ने की। मीणा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष के.सी. घुमरिया ने अपने सम्बोधन में कहा कि सम्पूर्ण विश्व में आदिवासी समाज अपना जीवन व्यतीत करता चला आ रहा है, किन्तु अन्य समाजों से वह पिछड़ा हुआ रहा। हमारे संविधान में पिछड़ों को बराबर की पंक्ति में लाने के लिए रिज़र्वेशन के ज़रिये आगे बढ़ाया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने आधिकारिक रूप से 1994 में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस की घोषणा ताकि इनकी आवाज़ दुनियाँ तक पहुंचे। रक्षाबंधन पर बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह पर्व भाई-बहिन के स्नेह के साथ महिला सशक्तिकरण भी है, जहां हर महिला अपने आपको भाई के प्रति सुरक्षा महसूस करती है। संगोष्ठी में सामाजिक कार्यकर्ता मोहनलाल बैरवा, मीणा समाज की महिला प्रदेशाध्यक्ष कोमल मीणा ने भी सम्बोधित किया।
इसके बाद जनाना अस्पताल में फल वितरण किया गया जिसमें एआईसीसी ह्यूमन राइट्स राजस्थान की महिला उपाध्यक्ष समीना खान, प्रदेश सचिव अरशद अली खान, जयपुर शहर उपाध्यक्ष आरिफ़ा, शहर सचिव, शिप्रा जैन, मीना राजपूत, यशपाल महावर आदि मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं महिला प्रदेशाध्यक्ष संगीता राठी ने अपने सम्बोधन में सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा की मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए हमारा संगठन निस्वार्थ भाव से हमेशा आगे रहा है। हमारे कार्यकर्ताओं की मेहनत, निस्वार्थ भाव से हम आगे भी मानवाधिकार के संरक्षण कार्य करते हुए पीड़ित मानव की सेवा करते रहेंगे।