कांजी हाउस की स्थापना होती तो नहीं भटकते गोवंश

14 अक्टूबर 2021 को सरकार ने अधिसूचना जारी की थी
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
www.daylifenews.in
सांभरझील। स्थानीय नगरपालिका यदि सरकार द्वारा जारी अधिसूचना की पालन करती और मुताबिक आदेश कांजी हाउस की स्थापना होती तो क्षेत्र में गोवंश भटकने को मजबूर नहीं होते। राज्य सरकार द्वारा गाय और उसकी नस्ल के संरक्षण और संवर्धन के लिए राजस्थान गौसंरक्षण एवं संवर्धन निधि का गठन इसीलिए किया गया था, लेकिन परिपत्र आज तक फाइलों में दबा पड़ा है जिसे पढ़ने और समझने की जरूरत आज तक किसी भी अधिशाषी अधिकारी को नहीं हुई, इसी वजह से प्रदेश सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देश की आधी अधूरी पालन भी नहीं हुई है। पशुपालन एवं गोपालन विभाग के शासन सचिव की ओर से 14 अक्टूबर 2021 को इस संदर्भ में विस्तृत विवरण के साथ परिपथ की पालना सुनिश्चित किए जाने हेतु आदेश प्रसाद किए गए थे। परिपत्र में स्पष्ट बताया गया था कि “कांजी हाउस” से आशय राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 तथा राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 के अन्तर्गत स्थापित एवं संचालित कांजी हाऊस से है। इसका मतलब सरल भाषा में यह था कि क्षेत्र में भटकते गोवंश को नगर पालिका प्रशासन अपने स्तर से पकड़ कर उन्हें “कांजी हाउस” में रखेगा तथा गोवंश को पकड़ने एवं उनके चारे पानी की व्यवस्था के लिए पालिका की मांग के आधार पर सरकार द्वारा बजट भी दिए जाने का प्रावधान है। गौवंश संरक्षण एवं संवर्धन के लिए गौशालाओं तथा कांजी हाउस में स्थायी प्रकृति की परिसम्पत्तियों का निर्माण तथा उत्पादन इकाईयों/योजनाओं हेतु दिशा निर्देश भी है। आश्चर्य इस बात का है कि सांभर में कई दशकों पहले पुराने नगर पालिका भवन के पास कांजी हाउस हुआ करता था लेकिन आजकल वह अस्तित्व में नहीं है और न ही कांजी हाउस की स्थापना किए जाने के लिए कोई प्रावधान किया गया है और नहीं कोई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। यह बताना जरूरी है कि विगत 4 दशकों में कभी भी ऐसा उदाहरण देखने को नहीं मिला जहां कांजी हाउस की स्थापना करवाने के लिए बोर्ड की मीटिंग में किसी ने यह मुद्दा उठाया हो। यही कारण है की सांभर में आज तक सरकार की मंशा के अनुरूप कांजी हाउस की स्थापना नहीं हो सकी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *