
कई सालों से नहीं हुए हैं ट्रांसफर
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील। प्राचीन जमाने से एक कहावत चली आ रही है कि बेटी तो राजाओं की भी पराई होती है, और आखिरकार उन्हें विवाह पश्चात अपना पीहर छोड़ना ही पड़ता है, लेकिन यहां के लोकल नगरपालिका के कर्मचारियों का सांभर नगर पालिका में इतना जबरदस्त मोह हो गया है कि वे रिटायरमेंट तक सांभर छोड़ना ही नहीं चाहते हैं या यूं कहें यहां के पक्ष विपक्ष के नेताओं की मेहरबानी के चलते उन्हें यह अभयदान मिला हुआ है कि तुम्हारा कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है। इन छोटे स्तर के नगर पालिका के कर्मचारियों के आगे स्वायत्त शासन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर और डायरेक्टर खुद भी उनकी सेवा भावना के आगे पूरी तरह से समर्पित है क्योंकि बताया जा रहा है कि कई दफा कुछ कर्मचारियों का यहां से तबादला हुआ तो डीएलबी में परंपरा के अनुसार अपना कर्तव्य निभाते हुए वापस सांभर पदस्थापित हो गए, कुछ कार्मिकों के खिलाफ गंभीर शिकायतें भी होना बताया गया था लेकिन उसके बाद भी उन्हें क्लीन चिट मिल गई। एक कार्मिक को तो करीब 1 साल पहले फुलेरा नगर पालिका में लगाया गया था और फुलेरा के कार्मिक को नगर पालिका सांभर में लगाया गया था लेकिन उठा पटक करके आखिरकार डीएलबी ने उनके आगे नतमस्तक होते हुए अपने ही आदेश को वापस ले लिया उन्हें यथा स्थान कार्य करने के लिए वापस लगा दिया। ताज्जुब तो इस बात का है कि विगत सालों में 15 से 20 अधिशाषी अधिकारी आए और चले गए लेकिन नगर पालिका में यह चेहरे कई वर्षों से आज भी जमे हुए है। सरकार इनका ट्रांसफर क्यों नहीं कर रही है, सत्ता और विपक्ष के जिम्मेदार लोग इस मामले में आवाज क्यों नहीं उठा रहे हैं, नगर पालिका के इन कार्मिकों में ऐसी क्या खूबी है की इन कर्मचारियों के अलावा बाहर से आने वाला कोई कार्मिक काम नहीं कर सकता है। आम जनता परेशान है, लोगों की शिकायत कई दफा अधिशाषी अधिकारी तक नहीं पहुंचती है, कागजों को बीच में ही दबा दिया जाता है, समय पर लोगों के काम नहीं होते हैं, नालियां खुली पड़ी है, फेरो कवर गायब है, आने वाली अधिकारी को इन कार्मिकों की ओर से सांभर की हकीकत नहीं बताई जाती है, उन्हें गुमराह किया जाता है, आवारा जानवर अक्सर नालियों में गिर जाते हैं। मंगलवार को ही एक सांड 7:00 बजे करीब नाले में गिर गया जिसे गोरक्षक सेवा टीम के लोगों ने बाहर निकाला उसका उपचार किया लेकिन जिम्मेदार प्रशासन इन कार्मिकों के भरोसे सांभर नगर पालिका को एक श्रेणी में किस प्रकार रख पाएगी यह सोचने लाइक बात है।