
लंपी बीमारी से पहले बेसहारा गौरक्षा दल शाहपुरा ग्रुप बनाया
जाफ़र लोहानी
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मनोहरपुर (जयपुर)। लंपी बीमारी के दौरान शाहपुरा उपखंड क्षेत्र के कई युवाओं ने पहल करते हुए गौ सेवा करने का बीड़ा उठाया वही उससे पहले ग्रुप बनाकर गायों की सेवा की जा रही थी। दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से धर्मपाल यादव, लोकेश सामोता ने अपने मित्रों के साथ एक अभियान शुरू किया जिसके बाद धीरे-धीरे युवा जुड़ते गए अनाथ निराश्रित गौरक्षा दल शाहपुरा ग्रुप हर समय घायल गोवंश का इलाज करने के लिए आगे आने लगे। ग्रुप के युवा साथियों द्वारा अभी तक 800 गायों को रेडियम बेल्ट लगाए गए हैं,वहीं 400 से अधिक हादसों में घायल होने वाले गोवंश का रेस्क्यू किया गया। व्हाट्सएप पर बनाये हुए गौरक्षा दल शाहपुरा के नाम से ग्रुप के माध्यम से कोई भी घायल बीमार गाय की सूचना मिलते ही सहायता के लिए टीम के सदस्य मौके पर पहुचते है।
शाहपुरा उपखंड के 35 किलोमीटर दायरे में आधी रात को टीम रहती है तैयार
शाहपुरा क्षेत्र में गौरक्षा दल शाहपुरा द्वारा अनाथ निराश्रित गायों के लिये गौरक्षा दल शाहपुरा ग्रुप के युवा साथी जिसमें 10 से 20 सदस्य जो रात भर सजग रहते हैं। कहीं पर भी सोशल मीडिया पर उपखंड क्षेत्र के 35 किलोमीटर दायरे में घायल गोवंश की जानकारी मिलते ही तुरंत मौके पर पहुंच जाते हैं। क्षेत्र में कहीं से भी कॉल आने की स्थिति में दल के सदस्य द्वारा पहुंचकर गायों का रेस्क्यू कर उसका इलाज करवाया जाता है। मुख्य रूप से दुर्घटना में रात के समय घायल होने वाली गायों का बेहतरीन तरीके से इलाज कर उसको श्री परमानंद गौशाला खोरी,श्रीनारायण दास गौशाला घासीपुरा,उदावाला गौशाला,त्रिवेणी धाम गौशाला में पहुंचाया जाता है। जहां पर घायल गोवंश का अच्छी तरीके से इलाज करके उसको सही किया जाता है। अभी तक टीम द्वारा 800 गायों को रेडियम बेल्ट लगाए गए। जिसमें जाजेकलाँ,शाहपुरा नगरपरिषद,खोरी ,बिदारा,घासीपुरा,नाथावाला,त्रिवेणी धाम तक टीम के सदस्य जानकारी मिलते ही पहुंच जाते हैं।
ग्रुप के माध्यम से मिल रहे सहयोग से करवा रहे हैं इलाज
निराश्रित गौरक्षा दल शाहपुरा ग्रुप के सदस्य नवल टेलर,मनीष लोमोड ने बताया कि लंपी बीमारी से पहले युवा साथियों ने पहल करते हुए ग्रुप बनाया जिसके माध्यम से भामाशाह द्वारा सहयोग किया जाता है। सहयोग के माध्यम से ही घायल गोवंश का इलाज होता है। इस दौरान पूरा खर्च वहन नहीं हो पता है तो सभी सदस्य आपस में बांटकर गायों का इलाज करवाकर उसको गौशालाओं में शिफ्ट किया जाता है।सदस्य पंकज भट्ट,राम योगी ने बताया कि अधिकतर गोवंश जो सड़कों पर लोग छोड़ देते हैं वही हादसों की शिकार होती है। बारिश के समय अधिकतर लोग गायों को सड़क पर खुला छोड़ देते हैं, जिसके चलते वह हादसे का शिकार हो जाती है।