
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील। करीब तीन दशक पहले जयपुर स्थित सिंधी समाज अमरापुर के एक संत की ओर से पौराणिक धार्मिक नगरी सांभर झील में आध्यात्मिकता का संदेश प्रसारित कर आत्म जागृति के उद्देश्य से शुरू की गई प्रभात फेरी की निरंतरता को कायम रखते हुए यहां के सिंधी समाज के लोगों की तरफ से सुबह 5:00 बजे से पहले नगर के प्रमुख रास्तों व अनेक मोहल्ले से होते हुए प्रभात फेरी निकालकर आज भी इस परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। खास बात यह है कि प्रभात फेरी में प्रभु श्री राम व राधा कृष्ण पर आधारित भजनों के अलावा सांई झूलेलाल, बजरंगबली के भजनों की भी प्रस्तुतियां पेश की जाती है। ढोलक, मंजीरा और हारमोनियम की मधुर धुनो के साथ भक्ति भावना से सरोबार नाचते गाते इस प्रभात फेरी में बच्चों के अलावा अच्छी खासी संख्या में महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं। प्रभात फेरी में सिंधी समाज के अलावा इसमें अन्य समाज के लोग भी साथ नाचते गाते चलते हैं। प्रभात फेरी गुरुद्वारा भी पहुंचती है और झूलेलाल मंदिर में जाकर पूजा अर्चना के बाद संपन्न होती है। भक्तों की ओर से पुष्प वर्षा के साथ इन भक्तों की टोली का अभिनंदन किया जाता है। बता दे की इन भक्तों की टोली में शामिल भजन कीर्तन करने वाले सभी भक्त सांभर में ही अपनी व्यापारिक गतिविधियों को संचालित करते हैं तथा भक्ति भावना से ओतप्रोत संदेश प्रसारित कर सभी को सकारात्मकता का संदेश भी देते हैं।