
अरशद शाहीन
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टोंक।अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन, टोंक द्वारा बाल दिवस के अवसर पर आयोजित भव्य पुस्तक मेले का रविवार को समापन हुआ। इस चार दिवसीय पुस्तक मेले ने साहित्य, कला, और संवाद का अद्वितीय संगम प्रस्तुत किया। मेले में शहरवासियों की उत्साहजनक उपस्थिति ने इसे विशेष बना दिया। पुस्तक मेले के दौरान देश के विख्यात कवि और साहित्यकार विनोद पदरज ने अपनी उपस्थिति से आयोजन को गरिमा प्रदान की। उन्होंने डिजिटल माध्यम और पुस्तकें विषय पर अपने विचार साझा करते हुए डिजिटल युग में पढ़ने की आदत बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनकी कविताओं ने साहित्य प्रेमियों के मन को छुआ। उसी के साथ चार दिन तक लगातार शिक्षक संवाद कार्यक्रम, सामाजिक एवं संवैधानिक मूल्यों पर नाट्य प्रस्तुतियों का प्रभावी मंचन किया। प्रस्तुतियों के माध्यम से सामाजिक मुद्दों को उजाकर कर युवाओं ने दर्शकों से संवाद स्थापित किए।पुस्तक मेले में राजकमल, वाणी, रेखता जैसे प्रमुख प्रकाशनों के साथ-साथ बच्चों के लिए एकलव्य, एनबीटी और इकतारा जैसी पुस्तकों का संग्रह आकर्षण का केंद्र रहा। शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए प्रदर्शित शिक्षण सामग्री ने भी सभी का ध्यान खींचा। मेले के हर दिन शाम को आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने शहरवासियों को अनूठा अनुभव दिया। कविता वाचन, ओपन माइक और संगीत प्रदर्शन जैसे कार्यक्रमों ने साहित्य और कला के प्रति लोगों की रुचि को प्रोत्साहित किया। चार दिन तक चले इस पुस्तक मेले ने न केवल पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा दिया, बल्कि संवैधानिक मूल्यों और सामाजिक संवेदनशीलता के प्रसार की भी पहल की। आयोजन का उद्देश्य साहित्य और संवाद के माध्यम से समाज को बेहतर दिशा देना था, जिसे शहरवासियों ने दिल से सराहा।
पुस्तक मेले के सफल आयोजन के लिए अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन और सहभागी टीम को सभी ने शुभकामनाएं दीं और इस तरह के आयोजनों की निरंतरता की उम्मीद जताई।