
निवर्तमान सरकार के समय से ही सड़क पर गढ्ढो के गहरे जख्म
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील। प्रदेश में सरकार चाहे किसी की भी हो लेकिन आम जनता को और अधिक सहूलियत देना तो दूर उसकी तकलीफों को भी कम नहीं कर पा रही है। बताना जरूरी है कि नरेना से दूदू तक का पूरा मार्ग छलनी हो चुका है। निवर्तमान सरकार के समय से ही गहरे गढ्ढो के जख्म आम लोगों को कितनी तकलीफ देते हैं इस बात का अंदाजा सरकार को है और न ही पीडबल्यूडी को। आपको यह जानकर हैरानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि वर्तमान प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम के पद पर खुद दूदू के रहने वाले प्रेमचंद बेरवा ही है, जो प्रदेश सरकार में रहते हुए आम जनता के हित में काम करने के बड़े-बड़े दावे तो करते हैं लेकिन खुद के ही इलाके में इतने लंबे समय से नरायना से दूदू तक सड़क मार्ग पूरा टूटा पड़ा है, लेकिन इसकी सुध क्यों नहीं ली जा रही है, क्या वह नहीं चाहते हैं की जनता बिना हिचकोले खाए कम समय में उनका सफर आसान हो। सरकार को चिंता क्यों नहीं सताती है कि कोई बड़ी दुर्घटना हो गई तो फिर क्या जवाब देंगे।लगता है खुद तो डिप्टी सीएम साहब इस रोड से जाते ही नहीं होंगे, अब जाएंगे भी क्यों, क्योंकि उनको तो सरकार की सुविधा मिल चुकी है तो आम जनता की तकलीफ से अब लेना देना भी क्या? ऐसा तो है नहीं की प्रेमचंद बेरवा डाइरेक्ट सुख सुविधाओं को भोगने वाले बने हो, पहले तो साधारण ही थे, खास तो आम जनता ने बना दिया है। वे पहले तो आम आदमी के बीच में ही रहते आए हैं तो उन्हें तो सब पता होना चाहिए। अब अचानक ऊंचे ओहदे पर बैठकर शायद भूल गए हैं कि यदि जनता के हित में काम नहीं किया गया तो फिर वापस आना तो आम जनता के बीच में ही है, बाबूलाल नागर की तरह। वोट लेते समय तो हाथ जोड़कर खड़े हो जाएंगे भाई साहब वोट दो, हम आपको सुविधा देंगे, लेकिन आम जनता को क्या पता जीतने के बाद यह दुविधा देंगे। जनता बेचारी क्या करें उसकी कोई सुनता नहीं है, सुनते इसलिए नहीं है कि अब इनकी जरूरत तो आगामी 5 साल बाद चुनाव में ही पड़ेगी तो क्यों फिर फालतू में ही इनको सुविधा क्यों दी जाए।