
विधायक मनीष यादव ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र- कहा, लाखों पशुपालकों का 250 करोड़ का दुग्ध अनुदान बकाया!
www.daylifenews.in
शाहपुरा (जयपुर)। कांग्रेस विधायक मनीष यादव ने प्रदेश के पशुपालकों को मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत गत 6 माह के अप्रैल 2025 तक के बकाया चल रहे अनुदान के भुगतान करवाने को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत करवाया।
विधायक यादव ने कहा कि प्रदेश में लगभग 5 लाख पशुपालकों इस योजना के तहत मिलनें वाला अनुदान समय पर नही मिलता है। जिसकें कारण इनकों हर बार सरकार से गुहार लगानी पडती है।
विधायक यादव के निजी सहायक ओमप्रकाश ने बताया कि गत वर्ष 11 फ़रवरी को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था जिसके बाद सरकार द्वारा भुगतान करवाया गया उसके बाद फिर भुगतान रोक दिया गया जिसके बाद पशुपालकों ने विधायक को अवगत करवाया तथा विधायक ने फिर सरकार को दीपावली से पूर्व 9 अक्टूबर 2024 को पत्र लिखकर अवगत करवाया जिसके बाद भुगतान शुरू हुआ। परंतु भुगतान प्रक्रिया नियमित नहीं होने के कारण भुगतान रुक जाता है। जिसको लेकर विधानसभा के द्वितीय सत्र के दौरान सदन में सरकार का ध्यान आकर्षित किया जिसके बाद उसी दिन सरकार ने लगभग 300 करोड़ का भुगतान किया।
गोरतलब है कि नवंबर 2024 से अप्रैल 2025 तक 6 माह का भुगतान फिर रुका हुआ है, जिसको लेकर विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।

विधायक ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि कार्यों एंव पशुपालन पर निर्भर करती है, तथा कृषि के उपरांत पशुपालन ही जीविकोपार्जन का सामान्य साधन है। देश के कुल दुग्ध उत्पादन में प्रदेश का लगभग 15 प्रतिशत योगदान है, तथा इसके साथ ही प्रदेश में निर्धनता उन्मूलन में भी पशुपालन की महत्ती भूमिका रही है। पशुपालकों के परिवार का जीविकोपार्जन, बच्चों की पढाई व पालन पोषण भी सामान्यतः पशुपालन पर निर्भर रहता है।
क्या है मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना प्रदेश में पशुपालन को बढावा देने के लिए बजट वर्ष 2013-14 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना संचालित की गई थी, जिसके तहत पशुपालकों को सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों में दूध की सप्लाई करने पर 2 रूपयें प्रतिलीटर का अनुदान दिया जाता था, जिसे तत्पश्चात तत्कालीन बीजेपी सरकार द्वारा बंद कर दिया गया था, लेकिन 01 फरवरी 2019 को पुनः तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने शुरू किया तथा बजट वर्ष 2022-23 में अनुदान को 2 रूपये से बढ़ाकर 5 रूपये प्रतिलीटर भी किया।
प्रदेश में इस योजना के तहत पशुपालकों का माह नवम्बर 2024 से अप्रैल 2025 तक 6 माह का लगभग 250 करोड रूपयें के अनुदान का भुगतान बकाया चल रहा है। जिससे प्रदेश के पशुपालकों की आर्थिक स्थिति चरमराई है, तथा संबल भी टूटा है। प्रदेश में पेयजल व सिचाई के पानी की बहुत विकट समस्या है, जिसके कारण सामान्यत कृषि भी मानूसन पर आधारित है। फसलों की अच्छी पैदावार के अभाव में पशुपालकों के लिए पशुपालन दुष्कर हो रहा है। उन्होंने कहा कि पशुपालकों के दुग्ध के बकाया अनुदान का सरकार शीघ्र भुगतान करे व भुगतान प्रक्रिया को नियमित रूप से करवाये।