पीलीभीत से रोज़ी-रोटी की तलाश में आए मजदूरों पर टूटा कहर

स्लीपर बस हादसे में बाप-बेटी की मौत से गांव में मातम
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मनोहरपुर (जयपुर)। थाना क्षेत्र के टोडी गांव में मंगलवार को हुए स्लीपर कोच बस हादसे ने कई घरों के सपनों को राख कर दिया। उत्तरप्रदेश के पीलीभीत जिले से रोज़ी-रोटी की तलाश में निकले मजदूरों का यह सफर मनोहरपुर पहुंचने से पहले ही मौत की मंज़िल में बदल गया।
हादसे में बाप-बेटी की मौत और छह मजदूरों के गंभीर रूप से झुलसने से पूरा इलाका गमगीन है। मंगलवार को जब उनके साथी मजदूरों ने घटना का मंजर याद किया, तो आंखों से आंसू रुक नहीं पाए। इस दौरान शफीक अहमद ने बताया कि उनका सारा सामान जलकर राख हो गया।
सोचा था मेहनत करेंगे, कर्ज चुकाकर घर बनाएंगे…
घायलों में शामिल मजदूर नफीस अहमद ने बताया कि वे अपने गांव पीलीभीत से 77 मजदूरों के साथ ईंट भट्‌टे पर काम करने आ रहे थे।
“हमने सोचा था मेहनत करके कर्ज चुकाएंगे, बच्चों को पढ़ाएंगे, कुछ पैसे जोड़कर गांव में मकान बनाएंगे… लेकिन किस्मत ने कुछ और ही लिख दिया।”
हादसे में मारे गए व्यक्ति की पत्नी जेबुन निशा और छोटे बच्चे का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों का कहना है कि वह बेटी की शादी के लिए पैसे जुटाने निकला था, पर अब वह सपना अधूरा सा रह गया।
एक पल में बदल गया सबकुछ
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही बस की छत पर बंधी मोटरसाइकिल 11 हजार केवी हाई टेंशन लाइन से छुई, बस में करंट दौड़ गया। कुछ सेकंड में आग लग गई और तीन सिलेंडर धमाके के साथ फट गए।
मजदूरों ने किसी तरह खिड़कियां तोड़कर जान बचाई, लेकिन कुछ लोग बाहर नहीं निकल पाए।
इस दौरान गांव में सन्नाटा, पीलीभीत में मातम
हादसे की खबर जब पीलीभीत के गांवों तक पहुंची, तो वहां कोहराम मच गया। परिजन पूरे दिन रोते-बिलखते रहे। कई परिवारों ने कहा — जिस रोटी की तलाश में गए थे, वही रोटी अब जहर बन गई।
वही राष्ट्रीय राज मार्ग पर मनोहरपुर टोल प्लाजा पर परिवहन विभाग टीम के आरटीओ बाबूलाल ने कार्यवाही की।

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