मोक्ष धाम का 15 माह में 14 .5 लाख रुपए की लागत से हुआ कायाकल्प

सुरेश बागड़ी की रिपोर्ट
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मण्डावर (दौसा)। सायपुर-पाखर रोड़ स्थित मोक्ष धाम की जर्जर हालत देखकर 15 माह पहले मोक्ष धाम सेवा समिति मण्डावर का गठन हुआ। जिसमें मोक्ष धाम सेवा समिति में बिना कोई अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष या अन्य कोई पद दिए बिना ही केवल सदस्यों के मध्य मोक्ष धाम की दशा सुधारने व समर्पित भाव से सेवा करने का एक प्रण लिया था । जिसमें समिति के सदस्यों ने मोक्षधाम के कायाकल्प कार्य मे तन, मन, धन से सहयोग किया। सभी सदस्यों के सामूहिक प्रयास से मोक्ष धाम का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण कार्य पूरा किया गया। मोक्ष धाम सेवा समिति के सदस्य राकेश जैन ने बताया कि मोक्ष धाम समिति में 60 सदस्यों के सहयोग से 14 .5 लाख रुपए का मोक्ष धाम परिसर में निर्माण कार्य कराया गया और मोक्ष धाम परिसर की रखरखाव के लिए समिति के सदस्यों से हर माह 100 रूपये महीने लिए जाते है इस धनराशि से मोक्ष धाम परिसर की साफ -सफाई के लिए सफाई कर्मी और पेड़ पौधे के रखरखाव के लिए बागवान का वेतन दिया जाता है। मोक्ष धाम सेवा समिति के द्वारा अंतिम संस्कार के लिए काम में आने वाली लकड़ी के लिए दो लकड़ी भंडार बनाए। अंतिम संस्कार में आने वालों लोगों को बैठने के लिए टीन शेड बनाया गया। इसमें ग्रेनाइट की चेयर लगाई गई। और परिसर में कई जगह सीमेंट की बनी हुई बेंच लगाई गई,परिसर में 15000 लीटर क्षमता का अंडरग्राउंड पानी का टैंक बनाया। नहाने-धोने के लिए 12 नल लगाए गए। शव रखने के लिए दो प्लेटफॉर्म बने। चार दाह संस्कार स्थल एक समान ऊंचाई पर बनाए गए। परिसर में बयाना के लाल पत्थर की चौकी बिछाई गई। शिव मंदिर का निर्माण हुआ। राहगीरों और श्रद्धालुओं के लिए वाटर कूलर लगाया गया। गायों और बेसहारा पशुओं के लिए पानी की खेड़ बनाई गई। असामाजिक तत्वों से सुरक्षा के लिए चारों तरफ लोहे की तारबंदी की गई। पिछले एक साल में 500 से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए गए। पेड़ों की सुरक्षा के लिए लोहे की जाली लगाई गई। पेड़ों में ड्रिप सेट विधि से पानी दिया जा रहा है। मोक्षधाम में क्रिया- कर्म के लिए अलग स्थल बनाया गया। इसके लिए नया गेट भी बना गया। भस्म टैंक का निर्माण हुआ। इसमें तीये के बाद की भस्म, टूटे पत्ते, छाने और गोबर डालकर खाद बनाई जाती है। यह खाद पेड़ों में उपयोग होती है। परिसर में 1.35 लाख रुपए की लागत से अपेक्स कलर कराया गया। परिसर में 24 घंटे पीपल की लकड़ी और छाने की व्यवस्था रहती है। जिन्हें इच्छुक व्यक्ति समिति से रसीद कटवाकर ले सकते हैं। मोक्ष धाम कमेटी के सदस्य ने बताया कि आने वाले समय में लकड़ी की समस्या को देखते हुए उड़ीसा से विशेष मिश्रण से बना लोहे की जाली नुमा स्टैंड मंगवा रहे हैं। जो कि 1000 डिग्री तापमान सहन कर सकता है। इसको लगाने से लकड़ी की खपत 40 प्रतिशत कम होगी । मोक्षधाम समिति द्वारा मोक्ष धाम सायपुर-पाखर रोड मण्डावर का विकास एवं सौंदर्यीकरण कार्य जनसहयोग से निरन्तर जारी रखते हुए मोक्ष धाम परिसर को आदर्श बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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