
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील। सरकार के निर्देश के बावजूद स्थानीय पालिका प्रशासन की ओर से हीटवेव से बचाव और इस संबंध में किए जाने वाले उपायों के लिए कोई कदम नहीं उठाया। बता दें कि हीटवेव स्थिति को देखते हुए सरकार ने पुनः दिशा-निर्देश (एडवाइजरी) जारी की। नगरपालिका सांभर को भी इसकी सख्ती से पालना करने के लिए हिदायत दी गई, लेकिन लोकल लीडरशिप संभाल रहे नेताओं को तो लगता है इससे कोई सरोकार ही नहीं रह गया। जनहित में उठाए जाने वाले कदम फाइलों में ही दब कर रह गए हैं। खुद स्वायत्त शासन विभाग ने भी कहा था कि इसके अंतर्गत गर्मी से असुरक्षित आबादी/स्थानों (यथा सामान्य भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र, बस स्टेण्ड, रेलवे स्टेशन एवं रिक्शा स्टेण्ड इत्यादि) का चिन्हिकरण कर, वहां पर आश्रय गृह/स्थल बनाये, उक्त आश्रय गृह/स्थल के साथ ही पूर्व से संचालित आश्रय स्थलों में भी सुविधाएं यथा पंखा/कूलर, पर्याप्त मात्रा में पीने योग्य पानी, ओआरएस के पैकेट इत्यादि की व्यवस्था की जिम्मेदारी भी नगरपालिका को उठाने के लिए पाबंद किया था। चिन्हित स्थानों पर नजदीकी राजकीय चिकित्सालय सुविधाओं/अस्पतालों के नाम एवं संपर्क नम्बर का पूर्ण विवरण प्रदर्शित करने, आवागमन वाले स्थलों यथा बस स्टेण्ड, रेलवे स्टेशन, भीड-भाड वाले बाजार इत्यादि पर भी छाया की समुचित व्यवस्था कर पीने योग्य पानी, ओआरएस के पैकेट इत्यादि की व्यवस्था कर इसकी पालना रिपोर्ट सरकार को भिजवानी थी लेकिन इसका भी कुछ नहीं हुआ। पालिका की ओर से इसके अलावा पक्षियों के लिए पेड़ों पर दाना-पानी के लिए पात्र की व्यवस्था का जिम्मा भी सोंपा गया था, स्थानीय दानदाता-भामाशाह/सामाजिक संस्थाओं एवं लोगों को प्रेरित कर उनका सहयोग लैने को कहा गया था। जगह-जगह सर्वे कर आवारा पशुओं हेतु खेलियां रखी जाने तथा प्रत्येक दिन उसमें पानी भरने का काम भी पाली का प्रशासन को ही करना था लेकिन सरकार के आदेश के करीब एक माह बाद भी अभी तक इस पर कोई अमल नहीं हो सका और हीटवेव से संबंधित जिंगल प्रचार-प्रसार हेतु कचरे की गाड़ी पर चलाया जाना भी जरूरी पालिका की ओर से नहीं समझ गया।