
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील। यहां देवयानी सरोवर, डाक बंगला के बाहर, जिला अस्पताल के नजदीक, पुरानी तहसील के पास, पुरानी चारा मंडी स्थित शौचालयों पर रखी पानी की टंकियां खाली पड़ी है। प्लास्टिक की यह टंकियां कड़ी धूप में रखी हुई है और आज तक इनमें पानी नहीं भरना स्थानीय लोगों द्वारा बताया जा रहा है, जिससे प्लास्टिक की इन टंकियों के फटने का डर है। इन तमाम जगहों पर जब मालूम किया तो आसपास के लोगों ने बताया कि टंकियों में आज तक तक पानी नहीं डाला गया है। नगरपालिका ने इन टंकियां को केवल दिखाने के लिए ही ऊपर रखा है, पानी के अभाव में इनका कोई औचित्य नहीं है। लोगों को आशंका है कि इन टंकियों में ऐसा तो नहीं है की नगर पालिका केवल कागजों में ही पानी से भर रही हो। सार्वजनिक उद्यान में जल मंदिर को भी नियमित रूप से नहीं भरा जाता है, अनेक दफ़ा तो लोग इसे अपने स्तर पर टेंकर से भरवाते हैं, ताकि भीषण गर्मी में लोगों को शीतल जल मिल सके। सरकार के निर्देश के बावजूद प्रमुख जगहों पर न तो निराश्रित पशुओं के लिए पानी की खेलियां रखवाई जा रही है और न ही अभी तक पक्षियों के लिए परिंडे लगाए जा रहे हैं। प्रमुख सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की है।