
www.daylifenews.in
मण्डावर (दौसा) । यहां अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना : कृषि में सूत्रकृमियों का महत्त्व,भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के तत्वाधान में अनुसूचित जनजाति उपयोजना के अंतर्गत दौसा जिले के मण्डावर तहसील क्षेत्र के गांव जैतपुर, सरावली, नौरंगपुरा का बास (मीना पट्टी), पाड़ला एवं टहलड़ी सहित आसपास गांवों के किसानों का मंगलवार को सहज्या घाटा हनुमान मंदिर परिसर पर उत्पादकता और लाभप्रदता के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि मण्डावर उपखण्ड अधिकारी अमित कुमार वर्मा व डॉ. महेश चंद मीणा,नोडल अधिकारी (अनुसूचित जनजाति) एवं प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान,नई दिल्ली ने फीता काटकर किया। कार्यक्रम में उपखण्ड अधिकारी अमित कुमार वर्मा ने उपस्थित किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि में नई -नई तकनीकियों को अपना कर फसलों का अधिक से अधिक लाभ उठाएं। वहीं नोडल अधिकारी (अनुसूचित जनजाति) डां.महेश चंद मीणा ने किसानों को मृदा स्वास्थ के रख -रखाव एवं संतुलित पोषक प्रबंधन के बारे में समझाया और बताया कि यह योजना किसानों के लिए कैसे लाभ दायक है एवं इस योजना के तहत किसान कैसे प्रशिक्षण करके अपना व्यवसाय प्रारंभ कर सकते हैं । जिससे उनका जीवन स्तर ऊंचा उठ सके। उन्होंने इस कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए कार्यक्रम से किसानों को कृषि के विभिन्न पहलुओं में लाभ प्राप्त करने की प्रेरणा एवं उनकी उत्पादकता में वृद्धि के लिए नए-नए उपाए बताएं। वहीं कार्यक्रम में डॉ के क्रांति केवीवीएस ने नर्सरी पौध के माध्यम से बगीचों में पादप परजीवी सूत्रकृमि का प्रसार और उसका प्रबंधन के बारे में समझाते हुए कहा कि गांव में भविष्य में उन्नत खेती एवं कृषि विभाग की योजनाओं के बारे में समय-समय अवगत कराया जाएगा। उन्होंने सूत्रकृमि से फसलों के उत्पादन में होने वाली हानि और उसके बचाव सम्बंधित विषय के बारे मे विस्तार से बताया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन डॉक्टर गौतम चावला (परियोजना समन्वयक) के आदेश से डॉक्टर के. क्रांति केवीवीएस, नोडल अधिकारी (अनुसूचित जनजाति) एवं रामकेश मीना (वरिष्ठ तकनीशियन) पूसा नई दिल्ली ने किया । कार्यक्रम में लगभग 100 से अधिक किसानों और कृषक महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में किसानों को लघु यंत्र जिसमें स्प्रेयर मशीन एवं फावड़ा का वितरण किया गया। जहां कृषि यंत्र मिलने पर सभी किसानों ने पूसा संस्थान का धन्यवाद करते हुए आभार व्यक्त किया। साथ ही इस योजना के तहत दूसरे कार्यक्रम भविष्य में आयोजित करने की भी आशा जताई ।इस दौरान पाँच गांवों के मुखिया सहित सैकडों किसान मौजूद थे।