
अरशद शाहीन
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टोंक। 21वीं सदी में अधिकतर सेवाएं डिजिटल हो चुकी है इंटरनेट का प्रयोग हर एक क्षेत्र में होने लगा है। इसलिए आवश्यक है कि हमारे किशोर व युवा इस मंच का सुरक्षित तरीके से उपयोग कर सकें फिर चाहे वह सोशल मीडिया हो या कोई बैंकिंग एप हो या गेमिंग एप हो सभी पर सतर्कता के साथ सुरक्षित उपयोग सीखना आवश्यक हो गया है। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु शिव शिक्षा समिति राणोली द्वारा एमपावर के सहयोग से संचालित परियोजना के तहत पीपलू क्षेत्र के 20 युवाओं को डिजिटल साक्षरता क्या है, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कौन से हैं।
उनके सुरक्षित उपयोग एवं इनसे जुड़े खतरे, सुरक्षित वेबसाइट की पहचान, साइबर अपराध एवं उनसे बचाव के उपायों पर विस्तृत रूप से युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। साथ ही युवाओं को व्यावसायिक क्षेत्र में जॉब सर्च करने, अपना सीवी,रिज्यूम बायोडाटा बनाने पर दक्ष किया गया। युवा इस प्रशिक्षण को प्राप्त करने के बाद क्षेत्र के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 के बच्चों को डिजिटल साक्षर बनाने का कार्य करेंगे । संस्था सचिव डॉ. शिवजी राम यादव ने बताया कि किशोरों द्वारा डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग बहुतायात होने लगा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हर एक जानकारी साझा करना या अश्लील सामग्री सर्च करना युवाओं में एक आदत बनती जा रही है। ऐसे में इस प्रकार की डिजिटल साक्षरता प्रत्येक किशोर तक पहुंचाना नए युग की आवश्यकता है। दो दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान संदर्भ व्यक्ति ने गतिविधियों के माध्यम से एवं इंटरनेट का प्रयोग करते हुए युवाओं को व्यावहारिक रूप से डिजिटल मंच का प्रयोग करना सिखाया। प्रशिक्षण के दौरान परियोजना अधिकारी पूनम जोनवाल सहित सीताराम शर्मा राम कल्याण, प्रमिला सहित 20 युवा किशोरियों उपस्थिति रही।