संजय स्मृति वन में भोजन-पानी की व्यवस्था टूटने पर बंदरों की हालत हुई दयनीय,

कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने पहुँचाया भोजन व पानी
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शाहपुरा (जयपुर)। शाहपुरा के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग- 48 पर स्थित संजय स्मृति वन में प्रशासन की ओर से ठेले और दुकानदारों को हटाए जाने व पेयजल व्यवस्थाओं को क्षतिग्रस्त किए जाने के बाद से वन क्षेत्र में रहने वाले सैकड़ों बंदरों की स्थिति गंभीर हो गई है।
वन्य जीवों की इस बदहाल स्थिति को देखते हुए टीम मनीष यादव ने बुधवार को मानवीय पहल करते हुए वन क्षेत्र में 5 क्विंटल तरबूज, 10 क्विंटल टमाटर और 2 क्विंटल केले भिजवाकर बंदरों को भोजन कराया। साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओ द्वारा पुनर्वास होने तक नियमित व्यवस्था की जायेगी।
टीम द्वारा चार सीमेंट के जल पात्र (थावले) भी वन क्षेत्र में रखवाए गए और तुरंत पानी का टैंकर मंगवाकर उन्हें भरा गया। जैसे ही खाद्य सामग्री पहुंची, पूरे वन क्षेत्र में मौजूद बंदर भोजन पर टूट पड़े।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बंदरों की हालत पिछले कुछ दिनों से बेहद खराब हो गई थी, वे न केवल पानी की तलाश में भटक रहे थे, बल्कि पास के गांवों और शाहपुरा शहर तक पहुंचने लगे थे।
विधायक मनीष यादव ने कहा कि
करीब 13 करोड़ रुपये की लागत से संजय स्मृति वन को विकसित किया जाना है। परियोजना की डीपीआर में स्पष्ट उल्लेख था कि वन्य जीवों के पुनर्वास और व्यापारियों के पुनर्स्थापन के बाद ही विकास कार्य होंगे, परंतु वर्तमान में इसके विपरीत कार्य हो रहा है।
विधायक ने स्थानीय प्रशासन व वन विभाग के उच्च अधिकारियों से वार्ता कर पुनर्वास नहीं होने तक बंदरों की व्यवस्था पूर्ववत रखने के निर्देश दिये, साथ ही कहा कि यदि प्रशासन व विभाग द्वारा वन्यजीवों के लिए जल और भोजन की पूर्ववत व्यवस्था में अवरोध किया गया तो तो प्रशासन को जनआक्रोश झेलना पड़ेगा।
इस मौके पर ब्लॉक अध्यक्ष नाथू सैनी, पूर्व चेयरपर्सन प्रेम देवी जाट, संगठन महामंत्री रामेश्वर बुनकर, मुकेश खुड़ानिया, महेश सैनी, किशोर सिंह, जितेंद्र शर्मा, राजेंद्र शर्मा, बाबूलाल बुनकर, सुभाष भड़ाना, वकील खान, रामकुंवर लुहार, मालीराम सैनी, मोहन धानका, संजय मीणा, लोकेश, टिंकू, बाबूलाल, कैलाश, कालूराम, रामशरण, प्रकाश सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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