
कत्ल की रात 5 को व ताजिए सुपुर्द ए खाक होंगे 6 जून को
जाफ़र लोहानी
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जयपुर। अलम सद्दे का जुलूस गुरुवार 3 जून को बड़े ही जोश के साथ निकला वही कत्ल की रात शनिवार 5 जून को मनाई जाएगी व ताजिए सुपुर्द ए खाक रविवार 6 जून को होंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुस्लिम नववर्ष के आते ही चाँद की पहली तारीख से ही इमामबाड़े में ताजिए बनने व मातम बजनी शुरू हो जाती है।
चांद की 7 तारीख़ गुरुवार (3 जून 2025) को अलम सद्दे का जुलूस मोहल्ला तोपचीवाड़े से ढोल व ताशों के साथ मे निकला जो कि कस्बे के प्रमुख मार्ग होते हुए सारवान मोहल्ले के इमामबाड़े में आए जहां पर अलम सद्दे व ताजियों का मिलान किया गया इसके बाद में अलम सद्दे के जुलूस में आए हुए लोगों को शर्बत पिलाने व डाँड़ पट्टे लड़ाने की रस्म निभाई गई।
इसी प्रकार मोहल्ला लुहार मंडी में मिलान किया गया बुन्दू लौहार ने अलग से सबील लगाई व लुहारमण्डी की तरफ से शर्बत पिलाया गया इसके बाद में कस्बे के प्रमुख मार्ग होते हुए ये जुलूस वापस मोहल्ला तोपची वाड़े में आया जहां पर मेला लगा गांधी चौक में जुलूस का भव्य स्वागत किया गया।
चांद की रात 9 शनिवार (5 जून 2025) को कत्ल की रात मनाई जाएगी जिसमे सभी ताजिए अपने अपने इमाम बाड़े से निकल कर कस्बे के प्रमुख मार्ग होते हुए गांधी चौक में जाते है जहाँ पर मेला लगता है यहा पर अखाड़ा बाजी का बेहतरीन प्रदर्शन होता है इसमे सवामन की लकड़ी की बल्ली के दोनों और धधकती हुई आग को लगाकर उसको सर गर्दन कोहनी हाथ पेट के बल से घुमाया जाता है जिसको देखने के लिए काफी भीड़ उमड़ती है सुबह 4 बजे ये तीनो ताजिए वापस अपने अपने मुकाम पर आजाते है।
इसी प्रकार चांद की 10 तारीख रविवार (6 जून 2025) अपने मुकाम से चलेंगे जो बैठके देते हुए गांधी चौक में जाएंगे जहा पर मेला लगेगा अखाड़ा लगेगा विधायक आदि के द्वारा ताजीएदारो ढोल ताशा बजाने वाले मदीना सबील कमेटी और पत्रकारों को सम्मानित किया जाएगा दोपहर 3 बजे बाद में कई स्थानों पर बैठके देते हुए प्रमुख मार्ग होते हुए व ढोल ताशों के गमगीन माहौल में मर्शा पढ़ते हुए कर्बला में जाते है वहा से शाम को माधोवेणी नदी में सुपुर्द ए खाक के लिए ले जाते है। इस दौरान मदीना सबील कमेटी के मेम्बर सबील लगाकर प्यासे लोगो को पानी पिलाते है। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग व पुलिस मौजूद थी थानेदार जयराम यादव की सराहनीय सेवा रही।