जलदाय विभाग द्वारा तीन दशक पुराना सिस्टम बंद करने से बढी परेशानी

ऊंचाई पर बसे लोगों को पेयजल की हो रही भारी किल्लत
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील। सड़क के लेवल से करीब 15 फीट ऊंचाई पर बसे चारभुजा नाथ मंदिर सहित आसपास के अनेक मोहल्ले में प्रेशर से पानी पहुंचाने के लिए करीब तीन दशक पहले बताया जा रहा है कि जो सिस्टम जलदाय विभाग ने कोर्ट के आदेश पर शुरू किया था तो सैकड़ो परिवारों को सुकून था, यहां पर पानी कि उस वक्त कोई किल्लत नहीं थी, लेकिन बताया जा रहा है कि इस सिस्टम को जलदाय विभाग ने क्यों और किसके आदेश पर बंद कर दिया यह किसी को पता नहीं है। बताया जा रहा है कि ऊंचाई पर बसे सैकड़ो परिवारों को प्रेशर से पानी पहुंचाने के लिए किसी ने न्यायालय में जनहित याचिका लगाई थी जिस पर न्यायालय ने जलदाय विभाग के विरुद्ध फैसला देते हुए आदेश पारित किया था। पुरानी कोर्ट के बाहर जलदाय विभाग की ओर से हाइजोन लाइन में लगाए गए वाल्व में बूस्टर लगाकर इस इलाके में पानी सप्लाई कुछ माह तक शुरू होने के बाद इस सिस्टम को बिना किसी आदेश के बंद कर दिया गया। तभी से यहां के सैकड़ो परिवारों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है। बताया तो यह भी जा रहा है कि कुछ लोग नहीं चाहते थे कि यह सिस्टम चालू रहे क्योंकि इससे उनको जिस इलाके में पानी जाता था वहां पर दिक्कत होती थी। लेकिन यह सब राजनीति का खेल माना जा रहा है। अब विभाग के पास केवल गोलमाल जवाब देने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है, क्योंकि इनके पास टेक्निकल जानकारों का अभाव भी है। दूसरा कारण बताया जा रहा है कि हाई जोनलाइन से एक से अधिक लाइन डालकर जो कनेक्शन हुए उसकी वजह भी एक कारण प्रेशर की कमी होना बताई जा रही है। तीसरा कारण बरसों पुरानी जलदाय विभाग की लाइन जो की काफी चौक हो चुकी है वह भी अवरोध का कारण बनी हुई है। विभाग के पास ना तो कोई प्लान है और न ही कोई ऐसी योजना है जो निकट भविष्य में ऊंचाई पर बसे लोगों को संस्था से पानी उपलब्ध करा सके। यूं तो यहां पर इस समस्या के समाधान के लिए अनेक अफसर भी गलियों का निरीक्षण कर चुके हैं लेकिन सब अपनी अपनी राय बात कर इस समस्या के समाधान का आश्वासन जरूर दे रहे हैं, लेकिन धरातल पर कोई काम होता नजर नहीं आ रहा है।

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