हिन्दुस्तान टाइम्स लि. के चार प्रतिनिधि राजनीति में उतरे

लेखक : रामजी लाल जांगिड
वरिष्ठ पत्रकार, लेखक एवं विभिन्न मामलों के ज्ञाता
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हिन्दुस्तान टाइम्स लि. के चार प्रतिनिधि राजनीति के अखाड़े में उतरे। चारों कांग्रेसी उम्मीदवार थे। मुझे याद नहीं कि किसी भी दूसरे मीडिया संस्थान के इतने प्रतिनिधि राजनीति में उतरे। न केवल उतरे बल्कि जीते और दो मंत्री तक बने।
‘हिन्दुस्तान’ दैनिक के वरिष्ठ पत्रकार केदारनाथ शर्मा कांग्रेसी उम्मीदवार के रूप में शायद त्रिनगर क्षेत्र से दिल्ली नगर निगम के सदस्य चुने गए थे। बाद में वह नगम की शिक्षा समिति के अध्यक्ष भी बने थे।
दूसरे प्रतिनिधि थे। ‘हिन्दुस्तान’ दैनिक के सम्पादक श्री चंदूलाल चंद्राकर। वह 1 जनवरी 1920 को आज के छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग जिले के निपानी गांव में पैदा हुए थे। उन्होंने 1945 में ‘हिन्दुस्तान’ दैनिक में पत्रकार के रूप में काम शुरू किया। संवाद‌दाता, विशेष संवाददाता, समाचार ब्यूरो प्रमुख और संपादक बनने के बाद उन्होंने 1970 में पहली बार कांग्रेसी उम्मीद‌वार के रूप में चौथी लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीता। वह बाद में पांचवी, सातवी, आठवीं और दसवीं लोकसभा के भी सदस्य रहे। वह दुर्ग से पांच बार चुनाव जीते। उन्होंने भारत सरकार के मंत्री के नाते कई मंत्रालयों का काम संभाला। वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महामंत्री भी बने थे। उनका निधन दो फरवरी 1995 को हुआ। छत्तीसगढ़ सरकार ने उनकी स्मृति में एक फेलोशिप स्थापित की है। वह पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधि थे।
तीसरे प्रतिनिधि थे डा. गौरीशंकर राजहंस। उन्होंने बिहार के सुल्तानगंज में मुरारका महाविद्यालय में पढ़ाने के बाद हिन्दुतान टाइम्स लि. के प्रबंध निदेशक पद की जिम्मेदारी ली। बाद में वह झंझारपुर (मधुबनी जिला) से कांग्रेसी सांसद बने। लोकसभा के सदस्य के रूप में कार्यकाल पूरा होने पर उन्हें भारत सरकार ने लाओस और कम्बोडिया में राजदूत नियुक्त किया। उनका विधन 20 दिसम्बर 2021 को नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में हुआ। मेरे उनसे मधुर संबंध थे। चौथा प्रतिनिधि था – श्री रमाकांत गोस्वामी । वह अविभाजित भारत के लाहोर शहर में 29 अक्टूबर 1944 को पैदा हुआ था। आज़ादी के बाद उसका परिवार पूर्वी पटेल नगर नई दिल्ली में आ गया। उसने अंबाला ( पहले अविभाजित पंजाब में था। राज्य के विभाजन के बाद हरयाणा में आ गया) में रहकर कुरुक्षेत्र विश्व विद्यालय से एम ए (हिन्दी) की पढ़‌ाई की। और वहीं सनातन धर्म कालेज में पढाने लगा। उसने मुझे बताया कि उसने स्वर्गीया सुषमा स्वराज को इस कालेज में पढ़ाया था। वह दैनिक हिन्दुस्तान में उपसम्पादक, संवाददाता और विशेष संवाददाता रहा। उसने 1998 में कांग्रेसी उम्मीदवार के रूप में पटेलनगर से विधायक का पहला चुनाव लड़ा। 2008 में राजेंद्र नगर से जीतने के बाद उसे स्व. शीला दीक्षित ने उद्योग मंत्री बनाया। उसे दिल्ली कांग्रेस का प्रवक्ता भी बनाया गया था।

भारत के समाचार पत्रों पर एकाधिकार बनाए रखने वाले उद्योगपतियों की नीतियों के विरुद्ध प्रदर्शन करते हुए दिल्ली पत्रकार संघ (DUJ) के सदस्य पत्रकार, (बाएं से दाएँ) डा. रामजी लाल जांगिड, श्री केदारनाथ शर्मा और श्री ओम प्रकाश वैश्य नई दिल्ली की सड़‌कों पर

साप्ताहिक हिन्दुस्तान के साहित्यिक सितारे -2
‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’ के सहायक सम्पादक गोविन्द प्रसाद केजरीवाल का परिवार मूलतः मेरे कस्बे फतेहपुर शेखावाटी के पास बिसाऊ का था। बाद में बिहार चला गया। उनके पिताजी स्वर्गीय जय प्रकाश नारायण जी के साथ स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए। एक बार मुझे स्वर्गीय जय प्रकाश नारायण जी से मिलाने के लिए नई दिल्ली में ही ले गए थे। तब स्वर्गीय जय प्रकाश नारायण जी ने उन्हें आदर पूर्वक याद किया था। केजरीवाल जी गंभीर स्वभाव के थे। लिखते बहुत प्रभावोत्पादक थे। उनके बेटे ने टी.वी. के पहले धारावाहिक ‘हम लोग’ में परिवार के मुखिया की भूमिका निभाई थी।
दूसरे सहायक सम्पादक श्री बाल स्वरूप ‘राही’ दिल्ली के तिमारपुर गांव में 4 मई 1936 को पैदा हुए। उन्होंने गीतों और ग़ज़लों की रचना की।कुछ फिल्मों के गीत भी लिखे। उन्हें कवि सम्मेलनों में लगातार बुलाया जाता था।
स्वर्गीय हिमांशु जोशी ने ‘कादम्बिनी साप्ताहिक’ ‘हिन्दुस्तान’, ‘वागार्थ’ और नार्वे से प्रकाशित होने बाली एकमात्र हिन्दी पत्रिका ‘शांतिदूत’ से जुड़ने के अलावा कहानीकार और उपन्यासकार के नाते भी यश प्राप्त किया।उस‌का जन्म 4 मई 1933 को उत्तराखंड में चम्पावत जिले के जोशीउदा गांव में हुआ था। उसकी कहानियों का संग्रह ‘हिमांशु जोशी की लोकप्रिय कहानियां’ शीर्षक से प्रकाशित हुआ था। उसके पिता स्वर्गीय पूर्णानंद जोशी स्वतंत्रता सेनानी थे। हिमांशु की प्राथमिक शिक्षा खेती खान गांव में हुई। आगे की शिक्षा नैनीताल में हुई। बाद में उसने दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.फिल की उपाधि प्राप्त की। उसकी पटकथा ‘तुम्हारे लिए’ पर टी.वी. धारावाहिक बना। उसके उपन्यास ‘सुराज पर फिल्म बनी। उसने आकाशवाणी के लिए प्रसिद्ध बंगला साहित्यकार स्वर्गीय शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की रचनां ‘चरित्रहीन’ पर कार्यक्रम तैयार किया। वह बहुत ही नम्र और विनयी था। उसका निधन नई दिल्ली में 23 नवम्बर 2016 को को हुआ था। मैंने उसके निधन से कुछ समय पहले फोन पर बात की थी। मेरी उससे बड़ी घनिष्टता थी। उसने मयूर विहार नई दिल्ली में हिन्दुस्तान टाइम्स सामूहिक सहकारी आवास समिति में फ्लैट ले लिया था। (लेखक का अपना अध्य्यन एवं अपने विचार हैं)

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