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मुंबई। अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस हमें याद दिलाता है कि लचीलापन बनाने की शुरुआत घर के स्तर से होती है। भारत में, आपदाएं हमेशा बड़े पैमाने पर प्राकृतिक आपदाएं नहीं होतीं, बल्कि कई आपदाएं हमारे घरों में होने वाली छोटी, रोकी जा सकने वाली घटनाओं से शुरू होती हैं। त्योहारों के मौसम में, हम आग और बिजली दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि देखते हैं, जो जागरूकता की कमी के कारण नहीं, बल्कि त्योहारों के दौरान बरती जाने वाली सावधानी में अस्थायी चूक के कारण होती है। सजावटी रोशनी, खुली लपटों और पटाखों का बढ़ता उपयोग अक्सर इन कमज़ोरियों को बढ़ा देता है।
रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के सीईओ राकेश जैन का कहना है, हमारा मानना है कि जोखिम न्यूनीकरण का अर्थ केवल आपदाओं का सामना करना ही नहीं, बल्कि उनका पूर्वानुमान लगाना भी है। हमारा ध्यान व्यक्तियों और परिवारों को जागरूकता, मज़बूत सुरक्षा और इस विश्वास से सशक्त बनाने पर है कि वे जीवन की अनिश्चितताओं का सामना करने के लिए आर्थिक रूप से सक्षम हैं। केवल तभी जब रोकथाम और सुरक्षा साथ-साथ काम करें, तभी हम वास्तव में लचीले समुदायों का निर्माण कर सकते हैं।