
daylifenews.in
शाहपुरा/जयपुर। शाहपुरा विधायक मनीष यादव ने मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत प्रदेश के पशु पालकों के बकाया अनुदान का भुगतान करने लिए के लिए मुख्यमंत्री लिखा पत्र।
शाहपुरा। शाहपुरा से कांग्रेस विधायक मनीष यादव ने प्रदेष के लगभग 5 लाख पशु पालकों के मुख्यमंत्री दुग्घ उत्पादक संबल योजना के तहत 8 माह के बकाया चल रहे लगभग 300 करोड रूपयें के अनुदान का भुगतान करवाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा।
विधायक यादव ने कहां कि हमारे प्रदेष की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि कार्यों एंव पषुपालन पर निर्भर करती है, तथा कृषि के उपरांत पशु पालन ही जीविकोपार्जन का सामान्य साधन है। यद्पि हमारें प्रदेश का अधिकांश क्षेत्र शुष्क अथवा अर्द्व शुष्क है, परन्तु फिर भी प्रदेश में बडी संख्या में पशु पालन किया जाता है। देश में कुल दुग्ध उत्पादन में प्रदेष का लगभग 15 प्रतिषत योगदान है तथा इसकें साथ ही प्रदेश में निर्धनता उन्मूलन में भी पशु पालन की महत्ती भूमिका रही है। पशु पालकों के परिवार का जीविकोपार्जन , बच्चों की पढाई व पालन पोषण भी सामान्यतः पषुपालन पर निर्भर रहता है।
विधायक ने कहां कि प्रदेष में पशु पालन को बढावा देने के लिए बजट वर्ष 2013-14 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना जिसकें तहत पषुपालकों को सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों में दूध की सप्लाई करने पर 2 रूपयें प्रतिलीटर का अनुदान दिया जाता था, जिसें तत्पष्चात तत्कालीन बीजेपी सरकार द्वारा बंद कर दिया गया था, लेकिन 01 फरवरी 2019 को पुनः तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने शुरू किया तथा बजट वर्ष 2022-23 में अनुदान को 2 रूपये से बढाकर 5 रूपये प्रतिलीटर भी किया गया था। परन्तु जब से प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है तब से पशु पालकों का अनुदान बकाया चल रहा है।
विधायक ने कहां कि प्रदेश में पेयजल व सिचाई के पानी की बहुत विकट समस्या है, जिसकें कारण सामान्यत कृषि भी मानूसन पर आधारित है। प्रदेश के किसानों व पशु पालकों को सरकार के साथ ही प्रकृति की मार भी झेलनी पड रही है। चूंकि मानसून वर्ष 2024 में कई इलाकों में बडें स्तर पर किसानों की खडी फसले चौपट हो गई है, तथा फसलों की अच्छी पैदावार के अभाव में पशु पालकों पर पशुओं के लिए चारे का संकट मंडरा गया है। पशु पालकों के लिए चारा, खल, बिनौला के आसमान छूते भावों के कारण क्रय कर पशु पालन करना दुस्वार हो गया है। पशु पालकोेेेेें की आर्थिक स्थिति बहुत कमजेर तथा दयनीय हो गई है। इन विकट परिस्थितियों में सरकार का पशु पालकों की ओर कोई ध्यान नही है तथा पशु पालक अपने बकाया 8 माह के अनुदान के लिए तरस रहे है। जिससें प्रदेश के पशु पालकों की आर्थिक स्थिति चरमराई है, तथा संबल भी टूटा है।
विधायक ने कहां कि सरकार द्वारा प्रतिवर्ष दिपावली के त्यौहार पर राजकीय कार्मिकों को बोनस प्रदान किया जाता है, ताकि कार्मिक व उनके परिवारजन त्यौहार को हर्ष-उल्लास से मना सके उसी प्रकार प्रदेश के पशु पालकों को भी उनके बकाया अनुदान का भुगतान दीपावली के त्यौहार से पहले करवाया जाये ताकि पशु पालक व उनके परिवारजन भी दीपावली का त्यौहार हर्ष-उल्लास से मना सके।
विधायक यादव के निजी सचिव ओमप्रकाश यादव ने बताया कि इससे पहले पशु पालको के बकाया अनुदान के भुगतान को लेकर सरकार से पत्रांक 23 दिनांक 11 फरवरी 2024 द्वारा पत्राचार किया गया था तथा 16 वी विधानसभा के द्वितीय सत्र में विधानसभा कार्य संचालन एंव प्रक्रिया के नियम 50 (स्थगन प्रस्ताव) के माध्यम से भी विधायक द्वारा सदन में सरकार का ध्यान आकृषित किया था जिसके फलस्वरूप जुलाई माह में प्रदेश के पशु पालकों का जनवरी माह का अनुमानित 40 करोड रूपयें के अनुदान का भुगतान किया गया था परन्तु उसके बाद फिर भुगतान नही किया गया तथा अब भी 8 माह के लगभग 300 करोड रूपये का भुगतान बकाया चल रहा है। है।